Monday, October 5, 2020

5 में से सिर्फ दो सीटों पर चुनाव इसलिए असमंजस, 55% ही हथियार जमा

उपचुनाव को लेकर कलेक्टर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने 29 सितंबर को आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होते ही सभी शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। लेकिन पांच दिन गुजरने के बाद अब तक 55 प्रतिशत लोग ही हथियार जमा करने थानों में पहुंचे हैं। जबकि शेष 45 प्रतिशत लोग अभी इस असमंजस में हैं कि चुनाव तो जिले की दो विधानसभा सीटों (मेहगांव और गोहद) पर हैं। ऐसे में उन्हें (भिंड, अटेर और लहार के निवासी) अपने हथियार जमा करने की क्या जरूरत है।

हालांकि इस संबंध में कलेक्टर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि शस्त्र जमा करने की अंतिम तारीख आज (5 अक्टूबर) है। ऐसे में आज रात तक जो हथियार जमा नहीं करेंगे उनके लाइसेंस निरस्त किए जाने की कार्रवाई की जाएगी।

यहां बता दें कि जिले में 23 हजार 500 लाइसेंसी हथियार हैं। ऐसे में चुनाव के समय इन हथियारों को थानों में जमा कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होता है। हालांकि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होते ही कलेक्टर ने सभी शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। साथ ही लाइसेंसी हथियारों को संबंधित थानों में जमा कराने निर्देश दिए थे। लेकिन लाइसेंसधारी अपने हथियारों को थाना में जमा कराने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यही वजह है कि पांच दिन गुजरने के बाद भी अब तक 13 हजार हथियार ही जिले के 26 थानों में जमा हुए हैं। जबकि 10 हजार 500 हथियार अभी भी लोगों के पास हैं।

लाइसेंस निरस्त करने की होगी कार्रवाई
जिले में आदर्शआचार संहिता के लागू होते ही सभी लाइसेंसी हथियारों को थानों में जमा कराने के आदेश दिए थे। यदि कल तक पूरे लाइसेंसी हथियार जमा नहीं होते हैं, तो शेष लाइसेंस को निरस्त करने जैसी कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत, कलेक्टर, भिंड

25 से ज्यादा आवेदन आए छूट के लिए
उपचुनाव के दौरान कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कार्यालय में 25 से ज्यादा लोगों ने हथियार जमा न करने की छूट के लिए आवेदन दिए है, जिसमें ज्यादातर बैंक, एटीएम सहित विभिन्न कंपनी और कार्यालयों में गार्ड की नौकरी करने वाले लोग हैं। हालांकि इन आवेदनों पर कलेक्टर की अध्यक्षता में बनाई गई एक कमेटी विचार करेगी। तब ही उन्हें छूट का लाभ प्राप्त हो सकेगा।

कई लायसेंसधारी जिले से बाहर, उन्हें लाइसेंस निलंबित होने की जानकारी नहीं
जिले में ज्यादातर लोग शस्त्र लाइसेंस रोजगार के लिए भी बनवाते हैं। वजह यह है कि बंदूक की वजह से उन्हें कंपनियों में गार्ड की नौकरी मिल जाती है, जिले के कई लोग गुजरात के अहमदाबाद, सूरत सहित अन्य जिलों में गार्ड की नौकरी कर रहे हैं। उन्हें यह जानकारी ही नहीं है कि जिले में उपचुनाव के चलते उनके शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। वहीं जिले में कुछ ऐसे भी लाइसेंस हैं, जो लोगों (सरकारी अधिकारी कर्मचारियों) ने भिंड में पदस्थी के दौरान बनवाए। लेकिन अब उनका भिंड जिले से अन्यत्र तबादला हो चुका है। लेकिन उनका लाइसेंस भिंड में ही दर्ज है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
देहात पुलिस थाने के भंडार कक्ष में लाइसेंसी हथियार रखता पुलिस जवान।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/36yMX2G

No comments:

Post a Comment

Kusal Perera ruled out of India series due to injury: Report

from The Indian Express https://ift.tt/3rf5BoA