सरकार चुनाव में व्यस्त है और जिले के 10 हजार से अधिक बाजरा उत्पादक किसान बेहाल हैं। दरअसल सरकार ने इस बार बाजरा का एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) 2150 रुपए क्विंटल तय किया है। लेकिन सरकार की लापरवाही से समर्थन मूल्य पर उपज बेचने पंजीयन प्रक्रिया देर से शुरू हुई, जो 30 अक्टूबर को संपन्न होगी।
इसके बाद तय होगा कि खरीदी कब से की जाए। इधर खेतों में बाजरा की फसल 30 प्रतिशत कट चुकी है, शेष 60 प्रतिशत 15 अक्टूबर तक कटकर खलिहान में पहुंच जाएगी। किसानों का दर्द है कि अगर सरकार विशेष अनुमति लेकर 5 नवंबर से खरीदी शुरू भी करा देगी तो पेमेंट खातों में आने में 10 से 15 दिन लग जाएंगे। ऐसे में हम 14 नवंबर को दीपावली का त्योहार कैसे मनाएंगे। इधर बाजरा के पंजीयन व खरीदी प्रक्रिया शुरू न होने का लाभ मंडी में रजिस्टर्ड व्यापारी अपने दलालों के माध्यम से उठा रहे हैं। चूंकि कर्मचारियों की हड़ताल से मंडी में खरीदी बंद है और व्यापारियों के अन रजिस्टर्ड दलाल बाहर ही किसानों का बाजरा 900 से 1100 रुपए क्विंटल में खरीद रहे हैं। जिससे किसानों को प्रति क्विंटल 1 हजार रुपए घाटे में अपनी फसल बेचनी पड़ रही है।
अतिवृष्टि से खराब बाजरा सरकार ने नहीं खरीदा
वर्ष 2019 में भी में चंबल में आई बाढ़ से जिले के ढाई हजार से अधिक किसानों का 400 हैक्टेयर में खड़ा 60 प्रतिशत से अधिक बाजरा खराब हो गया था। अतिवृष्टि से बाजरा का दाना काला हो गया, जिसकी वजह से शासन ने बाजरा की खरीदी करने से ही इनकार कर दिया। ऐसे में पिछले वर्ष भी किसानों को ओने-पौने दामों पर अपनी फसल बेची। इस बार भी उसके सामने सरकारी ढील-पोल के चलते बाजरा व्यापारियों व दलालों के माध्यम से 1 हजार रुपए प्रति क्विंटल घाटे में बेचने की मजबूरी है।
मंडी बंद, हजार रुपए घाटे में उपज बेचने को मजबूर
सरकार की बाजरा खरीदी तिथि तय न होने का लाभ व्यापारी भरपूर उठा रहे हैं। इधर मंडी में हड़ताल है। ऐसे में व्यापारियों के दलाल ग्रुप बनाकर बाजरा की फसल का भाव 900 रुपए से शुरू करके 1100 रुपए पर खत्म कर देते हैं। बाजरा लेकर आए किसान रामदीन बताते हैं कि मजबूरी में उपज 1 हजार रुपए क्विंटल सस्ती बेचना पड़ी।
75 हजार हेक्टेयर में 1 लाख 50 हजार मीट्रिक टन बाजरा
इस वर्ष जिले के 10हजार किसानों ने 75 हजार हैक्टेयर में 1 लाख 50 हजार मीट्रिक टन बाजरा की उत्पादन किया है। 30 प्रतिशत बाजरा की फसल काटी जा चुकी है, कटाई जारी है। संभवत: 10 से 15 अक्टूबर तक कटाई पूरी हो जाएगी। इसके बाद किसान अधिक से अधिक 20 अक्टूबर तक अपनी फसल बाजार में बेचने के लिए ले जाएगा।
सीएम-कृषि मंत्री से कहेंगे-बाजरा व धान की खरीदी जल्द शुरू हो
आपकी बात बिल्कुल सही है कि दीपावली त्योहार पर किसानों को पैसे की जरूरत होगी। पंजीयन की तिथि 30 अक्टूबर निर्धारित है। इसलिए तत्काल बाजरा व धान की खरीदी तिथि तय की जाए, इसके लिए हम अपने संगठन के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व कृषि मंत्री कमल पटेल से बात करेंगे।
रणवीर रावत, प्रदेशाध्यक्ष किसान मोर्चा
दीपावली के बाद ही शुरू हो सकेगी बाजरा खरीद
समर्थन मूल्य पर बाजरा की खरीद के लिए किसानों के पंजीयन का काम 30 अक्टूबर तक पूरा होना है। दीपावली के बाद एमएसपी पर बाजरा की खरीद शुरू की जाएगी। अभी किसान मंडियों में बेचने के लिए बाजरा ला रहे हैं और हड़ताल चल रही है, यह तो मंडी बोर्ड को ही तय करना होगा कि इसमें किसानों को क्या सुविधा दी जा सकती है।
फैज अहमद किदवई, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम
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