बहोड़ापुर निवासी एक 19 वर्षीय युवती ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन युवती ने सुसाइड नोट लिखा है। इसमंे उसने लिखा कि जीवन में कभी खुशी होती है कभी गम होता है। मैं अपनी मर्जी से अपनी जान दे रही हूं। इसके लिए किसी को दोष न दिया जाए और किसी को परेशान न किया जाए। प्रारंभिक पड़ताल में पुलिस को पता लगा है कि युवती के पिता की कुछ महीने पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इससे वह परेशान थी। उसे पिता की जगह अनुकंपा नौकरी भी मिलने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही उसने आत्महत्या कर ली।
टीआई बहोड़ापुर प्रशांत यादव ने बताया कि बहोड़ापुर निवासी राधेश्याम माहौर राजा मानसिंह संगीत विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। करीब चार महीने पहले उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। उनकी इकलौती बेटी कनिष्का(19) की अनुकंपा नियुक्ति होने वाली थी। मंगलवार रात को वह खाना खाकर अपने कमरे में सोने चली गई। इसी दौरान उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। सूचना मिलने पर बहोड़ापुर पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे की तलाशी ली तो सुसाइड नोट मिला।
इधर... फर्नीचर कारोबारी ने फांसी लगाई
मूल रूप से दतिया का रहने वाला संजीव बाथम (25) करीब दो साल पहले ग्वालियर आया था। यहां उसने फर्नीचर की दुकान खोल ली थी। उसके माता-पिता भी यहीं आ गए। पड़ाव इलाके में वह किराए से रहता था। टीआई पड़ाव विवेक अष्ठाना ने बताया कि मंगलवार रात को खाना खाकर अपने कमरे में सोने चला गया। सुबह करीब 9 बजे तक जब वह नहीं जागा तो परिजन पहुंचे। यहां वह फांसी के फंदे पर लटका मिला। उधर पुरानी छावनी के बरा गांव की रहने वाली पुष्पा पत्नी लच्छी यादव उम्र 35 वर्ष ने मंगलवार को जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
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