शहर में संक्रमित लाेगाें के घराें और अस्प्तालाें से संबद्ध हाेटलाेें से निकलने वाले मेडिकल और काेविड वेस्ट को सड़काें के किनारे फेंका जा रहा है। निजी अस्पतालाें से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट काे भी इंसीनरेटर वाहन को नहीं दिया जा रहा है। इस कचरे काे सड़क किनारे या सार्वजनिक स्थानाें पर फेंके जाने के कारण शहर में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
दरअसल, शहर में होम आइसोलेट मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन घराें से मेडिकल वेस्ट काे एकत्रित करने के लिए नगर निगम काे कचरा वाहन भेजना था, लेकिन ऐसा नहीं हाे रहा है। राेज शहर में करीब 10 टन मेडिकल वेस्ट निकल रहा है, लेकिन निगम की गाड़ी नहीं पहुंचने के कारण संक्रमित लाेग और उनके परिजन घर के नजदीक के ठियाें पर खुले में कचरा डाल रहे हैं। गत 14 अप्रैल से अभी तक 24862 किलो मेडिकल वेस्ट निकल चुका है। इसे आंतरी के प्लांट पर नष्ट करने का दावा स्वास्थ्य विभाग ने किया है। गौरतलब है कि अभी तक संस्थागत 7470 लोग संस्थागत और 72753 लाेग होम क्वारेंटाइन हाे चुके हैं।
जानिए...शहर में कहां-कहां डाला जा रहा मेडिकल वेस्ट
कैंसर पहाड़ी: शिवपुरी लिंक रोड का रास्ता सुनसान पड़ा रहता है। रात के अंधेरे में आसपास के अस्पतालों से निकला मेडिकल वेस्ट सड़क किनारे डाला जा रहा है। इनमें डाॅक्टरों द्वारा पहनी पीपीई किट सबसे ज्यादा नजर आती है।
पार्क काॅलोनी, पड़ाव: यहां जिला प्रशासन के अधिकारी रहते हैं। पड़ाव-फूलबाग वाले मार्ग पर नजदीक के होटलों से वेस्ट कचरा निकालकर डाला जा रहा है। यहां के लोगों ने इसकी शिकायत नगर निगम से की। उन्होंने कचरा उठवा दिया,लेकिन यह कलेक्शन मेडिकल विभाग को कहा है।
मेला मैदान के पास: यहां पर दो दिन पहले एक ट्राली मेडिकल वेस्ट डाल दिया गया। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत नगर निगम से की। उन्होंने अपनी जेसीबी भेजकर मेडिकल वेस्ट को रात में ही कलेक्ट कराया। अभी-भी अस्पताल संचालक मेडिकल वेस्ट डाल रहे हैं।
10 किलो के पॉलीथिन बैग में 48 घंटे बाद लिया जाता है कचरा
होम क्वारेंटाइन और होम आइसोलेट होने वाले मरीजों के घरों पर नगर निगम के पीले वाहन में सवार स्टाफ महज 10 किलो का पॉलीथिन बैग देकर अाता है। उसे देने से पहले सेनेटाइजड किया जाता है। 48 घंटे बाद संक्रमित मरीज के घर से कचरा कलेक्शन होता है।
भाेजन, साबुन-शैंपू के रैपर नहीं ले रहे: नगर निगम के अफसराें का कहना है कि मेडिकल वेस्ट में दवाओं के रैपर, दवा की शीशी, सिरिंज, रुई अाैर स्लाइन का कलेक्शन किया जाता है। साबुन और शैंपू के रैपर भी इस दौरान मरीज उपयोग के बाद कचरे में डालता है। इसे लेने निगम के वाहन नहीं पहुंच रहे हैं।
साक्ष्य मिले तो एफआईआर कराऊंगा
कुछ स्थानों पर खुले में मेडिकल वेस्ट पड़े होने की शिकायतें आईं थीं। हमने उसे डिस्पोजल कराया है। यदि खुले में काेविड वेस्ट फेंकने वालों के साक्ष्य मिलते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी। जो लोग होम क्वारेंटाइन या आइसोलेट हैं, वहां गाड़ियां कचरा लेने जा रही हैं। कहीं वाहन नहीं पहुंच रहा है, तो वे मुझे बताएं।
-नरोत्तम भार्गव, प्रभारी आयुक्त नगर निगम
ठोस कार्रवाई करूंगा
कोविड वेस्ट हो या दूसरा मेडिकल वेस्ट नियमानुसार उसे स्वास्थ्य विभाग के वाहन में डालना चाहिए। यदि कोई अस्पताल जिन्होंने होटल आदि से टाइअप किया है, वे अस्पताल प्रबंधन कोविड अाैर मेडिकल वेस्ट सड़कों या काॅलोनियों में फेंक रहे हैं ताे यह गलत है। मैं ऐसे लोगों को रंगे हाथों पकड़कर कार्रवाई करूंगा।
-डाॅ. मनीष शर्मा, सीएमएचओ
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