इंदौर में इस साल अब तक एक हजार से ज्यादा साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतें और 50 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। यह पिछले साल से दोगुनी हैं। दरअसल कोरोना के कारण लेनदेन से लेकर अन्य ऑनलाइन सुविधाओं का लोग ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसका गलत फायदा हैकर्स और बदमाश उठा रहे हैं।
बढ़ते साइबर क्राइम को रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय स्तर का पोर्टल तैयार किया है। इससे जुड़ने के लिए तीन श्रेणियां रखी हैं। इसमें आम आदमी या संस्था cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए सीधे इन्वेस्टिगेशन एजेंसियों से जुड़ सकते हैं। इसके लिए एक एसओपी भी सभी राज्य व शहरों के लिए जारी की है। मप्र में सरकार के साथ जुड़कर काम करने के लिए अब तक 152 लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। इसमें इंदौर के 42 लोग शामिल हैं।
इन 3 श्रेणियों में जुड़कर बन सकते सरकार के साइबर वॉलेंटियर्स
अनलॉफुल कंटेंट वालेंटियर्स
इस पहली श्रेणी में जुड़ने के लिए आपको कोई पुलिस वैरिफिकेशन नहीं करवाना होगा। सीधे सरकार के नेशनल पोर्टल से जुड़कर आप काम कर सकते हैं। इसमें इंटरनेट की दुनिया में किसी भी वेबसाइट या सोशल मीडिया पर कोई भी ऐसी जानकारी देखें, जिससे जनता या देश के लिए खतरा या खतरनाक हालात पैदा हो सकते हैं, आप उसकी सूचना सीधे सरकार तक पहुंचा सकते हैं।
अवेयरनेस प्रमोटर्स
इस दूसरी श्रेणी में आप सरकार द्वारा साइबर अपराधों को लेकर की जा रही जागरूकता में सहभागी बन सकते हैं। इसमें आपका विधिवत पुलिस वैरिफिकेशन करवाया जाएगा। एक नोडल अधिकारी के साथ आप साइबर क्राइम को लेकर काम कर पाएंगे।
साइबर एक्सपर्ट
इस तीसरी श्रेणी में नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी, पुलिस, साइबर सेल और अन्य बड़ी जांच एजेंसी के साथ बतौर साइबर एक्सपर्ट के रूप में जुड़कर काम कर सकेंगे। इसमें संबंधित जांच एजेंसी को तकनीकी सहायता दे सकेंगे।
इंदौर ने दिखाई है सबसे ज्यादा जागरूकता
साइबर अपराध और अपराधियों से लड़ने के लिए जारी पोर्टल पर इंदौर के लोगों ने सबसे तेजी से रजिस्ट्रेशन करवाए हैं। अब तक पहली श्रेणी के लिए 18, दूसरी में 15 और तीसरी श्रेणी में 9 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। मप्र के कुल 152 में से 42 रजिस्ट्रेशन सिर्फ इंदौर के हैं। प्रदेश में पहली श्रेणी में 63 दूसरी में 65 और तीसरी में 24 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है।
जांच में मदद मिलेगी
साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह का कहना है कि जिस तेजी से साइबर अपराध बढ़ रहे हैं उन्हें रोकने के लिए सरकार ने एक फ्रेमवर्क तैयार किया है। इससे एजेंसियों के लिए एक बड़ी ताकत मिलेगी। आमजन के साथ कोई एक्सपर्ट जांच एजेंसी से जुड़कर स्वयंसेवक के रूप में साइबर क्राइम रोकने के लिए काम कर सकेगा। इससे साइबर अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी।
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