Monday, November 2, 2020

28 में से 20 दिन कोई न कोई त्योहार और शुभ मुहूर्त; 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक चले अधिकमास के कारण एक ही माह में इतने पर्व

इस माह त्योहारों का सिलसिला 4 नवंबर से शुरू होगा। 30 नवंबर तक 20 त्योहार आएंगे, जो खुशियों को रोशन करेंगे।

4 नवंबर : करवाचौथ
इस दिन सुहागिनें पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखकर रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजन करती हैं। इसी दिन गणेश चतुर्थी भी रहेगी।

6 नवंबर : सर्वार्थ सिद्धि योग
सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। दक्षिण भारतीय परिवारों में संतान सुख की कामना के लिए यह पर्व मनाते हैं।

7 नवंबर : पुष्य नक्षत्र योग
सूर्योदय से रात 12.30 बजे तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस योग में खरीद-फरोख्त मंगलकारी होती है।

8 नवंबर : अहोई अष्टमी
इस दिन माताएं बच्चों की दीर्घायु के लिए दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाकर पूजन करती हैं।

11 नवंबर : रम्भा एकादशी
श्रीकृष्ण ने पांडु पुत्रों को युद्ध में विजय के लिए कार्तिक मास की इस एकादशी का व्रत करने को कहा था।

12 नवंबर : धनतेरस
मां लक्ष्मी व कुबेर की पूजा होती है। इसी दिन औषधि के देवता भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है।

13 नवंबर : रूप चतुर्दशी
श्रीकृष्ण ने नरकासुर के बंदीगृह से 16 हजार कन्याओं को मुक्त कराया था। इस दिन शरीर में उबटन लगाकर स्नान करने व यम के निमित्त दीप रखने की भी परंपरा है।

15 नवंबर : गोवर्धन पूजा
श्रीकृष्ण ने बृजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था। भगवान गिरिराज की पूजा और अन्नकूट।

16 नवंबर : चित्रगुप्त पूजा
भगवान चित्रगुप्त व कलम दवात की पूजा की जाती है। इसी दिन बहनें भाईयों को तिलक कर उनकी दीर्घ आयु की कामना करती हैं।

17 नवंबर : तुकडोजी जयंती
तुकडोजी की जयंती महाराष्ट्रीयन परिवारों में गुरु वंदना व पूजा कर साथ मनाई जाती है। ऋषि विश्वामित्र की पूजा-वंदना की जाती है।

18 नवंबर : विनायकी चतुर्थी
भगवान गणेश की पूजा की जाती है। कार्तिक मास की इस चतुथी पर व्रत रख पूजा करने से अनिष्ट दूर होते हैं।

20 नवंबर : छठ पूजा
भोजपुरी समाज की महिलाएं निर्जला व्रत रखने के साथ अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा करती हंै।

21 नवंबर : सहस्त्रबाहु जयंती
कलचुरी, कलार समाज के भगवान सहस्त्रबाहु आराध्य देव हैं। इस दिन इनकी पूजा अर्चना की जाती है।

22 नवंबर : गोपाष्टमी
श्रीकृष्ण व गायों की पूजा की जाती है। श्रीकृष्ण ने गोचारण की परंपरा की शुरूआत की थी।

23 नवंबर : आंवला नवमी
महिलाएं आंवले के वृक्ष का पूजन कर भोग लगाती हैं। इस दिन सत्यसाईं बाबा का जन्मोत्सव है।



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20 of 28 days is a festival and auspicious time; So many festivals in a single month due to the excessive rainfall from September 18 to October 16


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