वर्ष 2020 के दौरान विरासत कहलाए जाने वाले टेलीकॉम क्षेत्र के तीन मुख्यालय का गौरव शहर से छिन गया है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर संस्कारधानी की हैसियत कम हो गई है।
बीते दिवस बीएसएनएल के इंस्पेक्शन एंड क्वाॅलिटी एश्योरेंस हैडक्वार्टर को जबलपुर से बेंगलुरु शिफ्ट करने के आदेश आने के बाद शहर के नागरिकों व सामाजिक संगठनों में केन्द्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को लेकर रोष है। उनका कहना है िक एक साल के दौरान एक के बाद एक टेलीकॉम हैडक्वार्टर को जबलपुर से छीन लिया गया।
जानकारी के अनुसार सबसे पहले गाज टेलीकॉम फैक्ट्री पर गिरी और सीजीएम का दर्जा लेने के बाद सारा काम जीएम के हवाले कर दिया गया। दूसरे चरण में एशिया के सबसे बड़े टेलीकॉम ट्रेनिंग सेंटर टीटीसी का हैडक्वार्टर गाजियाबाद शिफ्ट कर दिया गया और टीटीसी की जिम्मेदारी जीएम को दे दी गई।
अब साल के अंत में शहर की शान टीएंडडी का हैडक्वार्टर भी जबलपुर से छीन कर बेंगलुरु को सौंप दिया गया है, जो 1 दिसम्बर को बेंगलुरु में काम करना शुरू कर देगा। केन्द्र सरकार ने री-स्ट्रक्चरिंग के नाम पर शहर की विरासतों को छीन लिया है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
री-स्ट्रक्चरिंग के नाम पर हो रही हैडक्वार्टर शिफ्ट करने की साजिश
वहीं टीएंडडी के हैडक्वार्टर को बेंगलुरु शिफ्ट करने से आक्रोशित नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार को ई-मेल भेजकर बीएसएनएल हैडक्वार्टर की शिफ्टिंग पर रोक लगाने की माँग की है। उन्होंने कहा कि री-स्ट्रक्चरिंग के नाम पर हैडक्वार्टर शिफ्ट करने की साजिश रची जा रही है।
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा करेंगे नीति आयोग के वाइस चेयरमैन से चर्चा वहीं श्री नाजपांडे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने इस मामले में नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार से 29 नवम्बर को चर्चा करने का आश्वासन दिया है।
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