प्रदेश के 6 कपास उत्पादक जिलों के 20 खरीदी केंद्रों पर कपास सीजन 2020-21 में बंपर आवक हुई। भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने पिछले तीन माह में 16 लाख 47 हजार क्विंटल कपास की खरीदी कर ली। यह 2019 की तुलना में 521 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल सीसीआई ने 3 लाख 16 हजार 352 क्विंटल कपास खरीदा था।
फिलहाल कपास उत्पादक खरगोन, धार, बड़वानी व खंडवा की कुछ मंडियों में अनियंत्रित कपास की आवक हो रही है। खरगोन मंडी में एक माह से हर सप्ताह सोमवार को कपास की नीलामी व्यवस्था में पसीने छूट रहे हैं। 45 हजार क्विंटल तक रिकॉर्ड आवक हुई। ज्यादा आवक के कारण नीलामी, खरीदी, तुलाई व भुगतान के लिए कतार में इंतजार करना पड़ रहा है।
सीसीआई ने स्थानीय प्रशासन से मंडी समितियों के माध्यम से कपास की आवक नियंत्रित करने का आग्रह किया है। सीसीआई के मुख्य महाप्रबंधक मनोज बजाज ने कहा पिछले साल की तुलना में 3 माह में सवा पांच गुना खरीदी हो गई।
किसानों से आग्रह किया है कि एफएक्यू (फेअर एवरेज क्वालिटी) के कपास की 30 सितंबर तक खरीदी की जाएगी। सोमवार प्रदेश की सबसे बड़ी खरगोन कपास मंडी में लगभग 15 करोड़ रु. का 30 हजार क्विंटल से ज्यादा कपास नीलामी हुआ। मंडी में सीसीआई अब तक 2.80 लाख क्विंटल की खरीदी कर चुका है।
आज पहली बार मेला मैदान पर लगेगी मंडी
प्रदेश की सबसे बड़ी कपास मंडी में बंपर आवक के कारण व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। शनिवार शाम से मंडी में वाहनों का आना लगातार जारी है। रविवार को सुबह 11 बजे सभी 4 शेड फुल होने से गेट बंद करना पड़ा। सारे कपास वाहनों को मेला मैदान पर भेजा गया। सोमवार को खरीदी शुरू हुई। 1100 वाहन व 225 बैलगाड़ी कपास की नीलामी हुई। 32 हजार क्विंटल से ज्यादा कपास की आवक हुई।
भाव 4500-5725 रुपए क्विंटल मिले। मंडी शेड में जगह खाली होने पर नए वाहन आ गए। हालांकि देररात तक सीसीआई की तुलाई व ऑनलाइन लेनदेन संबंधी पर्ची प्रक्रिया चलती रही। 2 दिन से खड़े 500 से ज्यादा कपास वाहनों की मंगलवार को मेला मैदान पर ही नीलामी होगी।
2 साल में देश में ऐसी रही सीसीआई की खरीदी
- सीजन 2019-20 में रिकॉर्ड 28 हजार 500 करोड़ रुपए के 105.14 लाख गांठ कपास की खरीदी की थी। पिछले साल देश में 357 लाख गांठ कपास उत्पादन हुआ था।
- चालू सीजन 2020-21 में 35 हजार करोड़ रुपए के 125 लाख गांठ कपास खरीदी का लक्ष्य है। इससाल 360 लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान है।
केंद्र और कृषि मंत्रालय के तय हैं खरीदी मापदंड
- केंद्र ने कपास सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए कपास (लंबा रेशा) का एमएसपी 5825 रु. जबकि कपास (मध्यम रेशा) का 5515 रु. क्विंटल तय किया है।
- कृषि मंत्रालय ने एफएक्यू (फेयर एवरेज क्वालिटी) तय किया है। 12% नमी स्वीकार्य है। किसान नहीं कह सकता 12% से कम नमी पर सीसीआई ने कपास नहीं खरीदा।
जानिए... ये तीन कारण जिससे बिगड़ी व्यवस्था
सीसीआई की सप्ताह में चार दिन ही खरीदी हो रही
मावठे से गीले कपास की जीनिंग प्रेसिंग में परेशानी
किसानों में सीसीआई की खरीदी बंद होने का भय
सचिव बोले-आज मेला मैदान पर करेंगे नीलामी
पिछले दिनों मावठे के कारण जीनिंग में कठिनाई आई। सीसीआई की रेगुलर खरीदी न होने से स्थिति बनी है। व्यवस्था बनाई गई है। जो वाहन मेला मैदान पर हैं उनकी मंगलवार वहीं नीलामी कराएंगे।
- रामवीरसिंह, मंडी सचिव खरगोन
एक्सपर्ट व्यू: कैलाश अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष एसोसिएशन आफॅ कॉटन प्रोसेसर्स एंड ट्रेडर्स
पंजीयन व्यवस्था या खरीदी सीमा तय कर परेशानी होगी दूर
सीसीआई यहां पूरी ताकत से खरीदी कर किसानों की सेवा कर रही है। इससाल खरीदी की नियमावली में बदलाव से अव्यवस्था पैदा हुई है। किसानों का ऑनलाइन पंजीयन की बजाय सभी से खरीदी के कारण भीड़ हो रही है। सीसीआई के पास पर्याप्त कर्मचारी भी नहीं हैं। वे दिनरात काम कर रहे हैं उसके बावजूद समस्या का हल नहीं दिख रहा। जीनिंग में भी ज्यादा काम हो रहा है, लेकिन खरीदी की मात्रा ज्यादा होने से गुणवत्ता प्रभावित होना संभव है। पंजीयन व्यवस्था व खरीदी सीमा तय कर हो रही परेशानी को दूर किया जा सकता है।
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