प्रदेश में कोई भी सरकारी कार्यक्रम अब बेटियों के पूजन के बाद ही शुरू होगा। इस बीच रतलाम में शनिवार को 10 बेटियों ने अपनी 95 साल की मां को कांधा देकर और अंतिम संस्कार कर यह संदेश दिया कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं। कांधा देने में 77 साल की बेटी सबसे आगे रही। सभी बेटियों ने त्रिवेणी मुक्तिधाम पहुंचकर मां को मुखाग्नि भी दी।
त्रिवेणी श्मशान रोड पर रहने वाले स्व. रामचंद्र कसेरा की पत्नी हिरीबाई का सुबह निधन हो गया। जैसे ही यह जानकारी बेटियों को लगी सभी बेटियां अपनी मां के घर दौड़ी चली आई। इसके बाद ना सिर्फ अपनी मां को कांधा दिया। बल्कि त्रिवेणी मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार भी किया। जिन्होंने कांधा दिया उसमें 77 साल की सबसे बड़ी बेटी गट्टू, 74 साल की संतोष बाई, 70 साल की मनोरमा बाई, 68 साल की बेबीबाई, 66 साल की धापूबाई, 64 साल की विमला बाई, 60 साल की वीणा बाई, 56 साल की शारदा बाई, 54 साल की पुष्पाबाई, 50 साल की रेखाबाई शामिल थी।
सभी काम खुद ही निपटाती थीं हिरीबाई
हिरीबाई के पति स्व. रामचंद्र कसेरा समाज के पटेल थे। वहीं हिरीबाई गृहिणी थीं। 95 साल होने के बाद भी खुद ही अपना काम निपटाती थीं। एक दिन पहले तक भी किचन में उन्होंने काम भी निपटाया। इसके बाद शनिवार सुबह उनका निधन हो गया। उनका एक भी पुत्र नहीं था।
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