कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लोगों को लगाई जाने वाली वैक्सीन की शुरुआत पहले चरण में 6180 हेल्थ वर्करों से होगी। असल वैक्सीनेशन के दौरान आपाधापी की स्थिति ना बने, इसे लेकर शुक्रवार सुबह जिला अस्पताल सहित 3 केंद्रों पर अस्थायी वैक्सीनेशन सेंटर में ड्राय रन (ट्रायल) हुआ। रजिस्टर्ड 30 हेल्थ वर्करों ने बारी-बारी से रजिस्ट्रेशन सत्यापन, वैक्सीनेशन और ऑब्जर्वेशन की प्रोसेस पूरी की। ट्रायल से स्पष्ट है कि 7 लोगाें की टीम दो से ढाई घंटे में 30 लोगों का वैक्सीनेशन कर सकती है। जिला अस्पताल में उषा कार्यकर्ता संगीता नामदेव पर पहला ट्रायल किया। कलेक्टर मनोज पुष्प ने पूरी प्रक्रिया का जायजा लिया। उनके अनुसार एक से दो सप्ताह में वैैक्सीन आने की पूरी संभावना है।
ड्राय रन में शामिल होने वाले हेल्थ वर्करों के रजिस्ट्रेशन पूर्व में हो चुके हैं। उन्हें रजिस्टर्ड नंबर पर मैसेज भेजे गए। शुक्रवार सुबह 8 बजे टीम जिला अस्पताल में स्थित सीएमएचओ निवासी में बनाए अस्थायी वैक्सीनेशन सेंटर पहुंची। 9.10 बजे से ड्राय रन का ट्रायल शुरू हुआ। नियमानुसार पोर्टल के माध्यम से 30 स्वास्थ्य कर्मचारियों को मोबाइल पर मैसेज किए गए। ये लोग सुबह 9 बजे वैक्सीन लगवाने के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। हाथ सैनिटाइज्ड कराने के बाद मोबाइल पर आए रजिस्ट्रेशन का सत्यापन हुआ। फिर ऑनलाइन नाम व आईडेंटिटी की जांच हुई। असल वैक्सीन की जगह केवल इंजेक्शन हाथ पर टच कर प्रोसेस को पूरा किया गया। इस दौरान पहला ट्रायल उषा कार्यकर्ता संगीता नामदेव पर किया गया। 5 मिनट की प्रोसेस के बाद हेल्थ वर्कर की ऑब्जर्वेशन रूम में एंट्री हुई। जहां एक डॉक्टर व अन्य की उपस्थिति में हेल्थ वर्कर को रखा, उसकी सेहत पूछी और आधे घंटे बाद उन्हें घर भेज दिया। एक-एक कर दो घंटे में 30 कर्मचारियों पर ट्रायल पूरा किया गया।
एक व्यक्ति को टीका लगाने में लगभग 5 मिनट का समय लगेगा
धुंधड़का | कोरोना टीकाकरण के लिए ड्राय रन किया गया। इसमें स्वास्थ्य केंद्र पर 30 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने की प्रक्रिया की रिहर्सल की गई। सुबह 9 बजे शुरू हुआ काम। पहला टीका 9.15 पर डॉक्टर सतीश गाैड़ को लगा। एक व्यक्ति को टीका लगाने में लगभग 5 मिनट का समय लगा। 11.30 बजे तक 30 लोगों को टीका लगाया। ड्राय रन की प्रक्रिया एएनएम, एमपीडब्ल्यू और आशा सहयोगी ने पूरी कराई। डॉ. विशाल खुतवाल, ऑब्जर्वर डॉक्टर मनीष इंगोले की निगरानी में पूरी प्रक्रिया की गई। ब्लाॅक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर दिनेश शर्मा, ब्लाॅक प्रोग्राम मैनेजर अमित गोले, बीसीएम जितेंद्रसिंह मौजूद थे।
ये रखीं सावधानियां
- वैक्सीनेशन के बाद किसी को समस्या होने पर उसे रेफर व जिला अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस तैनात रही।
- रिएक्शन होने की स्थिति में इमरजेंसी किट तैयार रखी गई।
- वैक्सीनेशन के बाद आधे घंटे निगरानी में रखा। वेटिंग रूम में दो पलंग व ऑक्सीजन की व्यवस्था भी की गई।
ट्रायल सफल रहा
^वैक्सीनेशन का ट्रायल सफल रहा। वैक्सीन के रिएक्शन की आशंका बहुत कम है। रिएक्शन होने पर इमरजेंसी किट भी तैयार रखी जाएगी। वहीं हर सेंटर पर एम्बुलेंस भी तैनात रहेगी। स्थिति खराब होने पर तत्काल जिला अस्पताल लाया जाएगा। एक से दो सप्ताह में जैसे ही वैक्सीन जाएगी उसे लगाने का काम शुरू किया जा सकता है।
डॉ. के.एल. राठौर, सीएमएचओ
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