Tuesday, October 8, 2019

दाे बच्चाें की मां के चरित्र पर शक कर पति ने मांगा तलाक काेर्ट ने कराया डीएनए टेस्ट ताे वही निकला तीसरे बच्चे का पिता

ग्वालियर .सरकारी नाैकरी के चलते दूसरे शहर में रह रही दाे बच्चाें की मां के चरित्र पर संदेह जताते हुए पति ने परिवार न्यायालय में तलाक का आवेदन पेश कर दिया। वजह, महिला का तीसरी बार गर्भधारण करना आैर तीसरी संतान काे जन्म देना रहा। इसी काे लेकर पति ने तलाक की अर्जी दे डाली। उसका कहना था कि साल भर से पत्नी उसके अलग रह रही है। एेसे में तीसरी संतान (बेटी) मेरी नहीं हाे सकती। महिला ने काेर्ट के समक्ष आराेपाें काे नकार दिया। काेर्ट ने दाेनाें का डीएनए टेस्ट कराने की बात कही।

इस पर दाेनाें राजी हाे गए। डीएनए जांच रिपाेर्ट आई ताे महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा पति का ही निकला। इस पर अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश हितेंद्र सिंह सिसाैदिया ने तलाक का आवेदन खारिज कर दिया। परिवार न्यायालय में पहुंचे इस मामले में पति ने काेर्ट के समक्ष लिखित में यह बात स्वीकार की थी कि अगर डीएनए जांच में पाया जाता है कि गर्भ में पलने वाले बच्चे का पिता वहीं है, ताे वह न केवल केस वापस ले लेगा बल्कि पत्नी आऐर बच्ची काे भी अपना लेगा। लेकिन अब वह इन दाेनाें बाताें काे मानने से मुकर गया है। खास बात यह है कि इस पूरे मामले में महिला के आठ साल खराब हुए।

इस दाैरान उसे अपने दाेनाें बच्चाें का लालन-पालन का भार भी उठाना पड़ा आैर मानसिक यातना भी सहनी पड़ी। इसके बाद भी उसका कहना है कि काेर्ट के फैसले के बाद वह रिश्ते काे बचाने के लिए एक बार फिर प्रयास करेगी। इसके बाद भी बात नहीं बनी ताे फिर मैं उनके खिलाफ मानहानि का दावा करूंगी।

क्या है पूरा मामला : पीड़ित महिला की शादी 2003 में ग्वालियर में एक स्कूल संचालक के साथ हुई। एमएससी, बीएड तक शिक्षा हासिल करने के कारण ससुराल में आते ही पति ने उसे काेचिंग पढ़ाने पर जाेर दिया। उसने सहर्ष इसे स्वीकार कर लिया। 2005 में उसने बेटी काे जन्म दिया आैर 2008 में बेटे काे। 2009 में इटावा में उसकी सहायक प्राध्यापक के पद पर सरकारी नाैकरी लग गई। इसके लिए वह ग्वालियर से इटावा अप-डाउन करने लगी। जब राेजाना आने-जाने में असुविधा हुई ताे पति की सहमति से ही उसने स्थायी ताैर पर इटावा में रहने का फैसला किया।

पति भी उसके साथ वहां जाकर रहने लगा। एेसा पीड़िता का कहना है। 2011 में वह तीसरी बार गर्भवती हुई ताे पति के मन में संदेह का बीज घर कर गया। 2014 में काेर्ट में तलाक के लिए आवेदन दे डाला। ससुराल वालाें से भी बात की ताे उनका कहना था कि उसका पति किसी बाबा (तांत्रिक) के चक्कर में है, इसी के चलते वह यह सब कर रहा है।



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Court conducted DNA test on husband's appeal


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