शहरों की सीमाओं से लोगों द्वारा अवैध तरीके से प्रवेश करने के मामले में हाईकोर्ट ने चिंता जताई है। मप्र हाईकोर्ट की प्रिंसिपल बेंच ने बुधवार को सुनवाई के दौरान मप्र शासन से पूछा कि अवैध तरीके से यात्रा कर रहे लोगों को रोकने के संबंध में क्या कार्रवाई की गई है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने कहा कि ट्रक व यातायात के अन्य साधनों के माध्यम से लोग एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं, जो कि गलत है। यात्रियों व वाहन चालकों की स्क्रीनिंग के बाद ही उन्हें शहर की सीमा में प्रवेश दिया जाए।
दरअसल, कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पर्याप्त मात्रा में सेनिटाइजर, मास्क व अन्य जरूरी उपाय करने की मांग करते हुए ग्वालियर के एडवोकेट सुनील जैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। चूंकि, इसी विषय से संबंधित अन्य याचिकाएं अलग-अलग जगह पेश की गई। इस कारण सभी याचिकाओं की सुनवाई प्रिंसिपल बेंच में की जा रही है। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई में कोर्ट ने पुलिस और डाक्टर्स के कार्य की सराहना की। कोर्ट ने कहा कि हमारे संज्ञान में यह आया है कि कुछ ग्रीन जोन, ओरेंज जोन में तब्दील हो गए हैं तो ओरेंज जोन, रेड जोन में तब्दील हो गए हैं। शासन यह सुनिश्चित करे कि स्थिति इसके ठीक विपरीत हो ताकि रेड जोन, ओरेंज जोन में और ओरेंज जोन, ग्रीन जोन में जल्द से जल्द तब्दील हो सकें। पुलिस की कस्टडी से भागे जावेद के संबंध में जवाब पेश करने के लिए महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
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