लॉकडाउन के कारण जिले में सब्जियों की फसल पूरी तरह से खराब हो चुकी है। अब यदि तीन मई को लॉकडाउन नहीं खुला तो फलों की फसलें भी बर्बाद हो जाएगी। किसानों के खेतों में फलों की फसलें पक कर तैयार है और किसानों को लॉकडाउन खुलने का इंतजार है। किसानों ने बताया पपीता, अमरूद, तरबूज सड़ने लगे है। अब इन्हें ज्यादा दिन तक नहीं रोक सकते।
लॉकडाउन के बाद से जिले से सब्जी की सप्लाय पूरी तरह से बंद है। इसके चलते किसानों ने गिलकी, ककड़ी, टमाटर सहित अन्य सब्जियां मवेशियों को खिला दी है। अब पपीता, तरबूज, अमरूद की फसलें भी खराब होने लगी है। इसको लेकर किसान चिंतित है। जिले से पहले प्रदेश सहित अन्य राज्यों में सब्जी और फलों की सप्लाय होती थी। जो पूरी तरह से बंद है। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में भी अधिकांश जगह सब्जी, फलों का विक्रय प्रतिबंधित है। इस कारण से किसानों को ज्यादा नुकसान हो रहा है। किसान कैलाश मुकाती ने बताया उन्होंने एक लाख रुपए खर्च कर एक एकड़ में पपीता लगाया था। जो बिकने के लिए तैयार है। लेकिन लॉकडाउन के कारण सप्लाय नहीं कर पा रहे है। ऐसे में कुछ पपीता खराब होने लगे है। इसी तरह पांच लाख रुपए खर्च कर 10 एकड़ में केला लगाया था। ये भी बिकने के लिए तैयार है। साढ़े चार लाख रुपए खर्च कर 14 एकड़ में तरबूज लगाया था। जिसे मवेशियों को खिला दिया है। 6 एकड़ के टमाटर 30 रुपए कैरेट बेचने पड़े। जो 130 से 150 रुपए कैरेट बिकते थे। हालांकि अमरूद की फसल में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। इस तरह से जिले के अन्य किसान भी परेशान है।
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