Monday, June 29, 2020

घर लौटे मजदूर और छात्र, शहर में पांच हजार से अधिक मकान खाली

शहर में काेराेना लाॅकडाउन में कई किराएदार मकान खाली कर अपने घर लौट गए। स्कूल, कॉलेज भी बंद है। अब शहर में मकान खाली है। मकानमालिकाें को खासा नुकसान हो रहा है। कई लोगों के सामने मकान कि किस्त भरने का संकट है। इन दिनों शहर में 5 हजार से ज्यादा मकान खाली पड़े है। इनपर टू लेट का बोर्ड लटका हुआ है। मीनाक्षी चौक, मालाखेड़ी, सदर बाजार, रसूलिया, ग्वालटोली सहित पाॅश इलाके में जहां मकान नहीं मिलते थे। अब वहां पर मकान लेने के लिए किराएदार नहीं मिल रहे हैं।

नंद विहार में रहने वाले कपिल मेहर ने बताया उन्होंने अपना मकान किराएदार के हिसाब से बनाया, लेकिन लाॅकडाउन के बाद से किराएदार नहीं मिल नहीं रहे हैं। वहीं छाेड़कर गए लाेग वापस आने की संभावना नहीं है। मकान की किस्त में मकान किराए से सहयोग हो जाता था। जब से लॉकडाउन हुआ तब से अधिकांश किराएदार मकान खाली करके चले गए। वहीं हाउसिंग बोर्ड में भी अधिकांश श्रमिक रहते थे जो आसपास के इलाकों में काम करने वाले थे, लेकिन लॉकडाउन हुआ तो अधिकांश कारखाने बंद हो गए। ऐसे में श्रमिकों ने भी अपने घर की तरफ रुख कर लिया। श्रमिक इसी आस में आए थे कि कारखानों में काम करके अच्छा पैसा कमा लेंगे, लेकिन लॉकडाउन ने उनकी आशाओं पर पानी फेर दिया। वहीं बुदनी की कंपनियों में काम करने वाले भी बुदनी चले गए। वहीं पर कंपनी ने मकान बना दिए है। अब हालात यह है कि शहर के कई इलाके में कई मकान सूने हो गए हैं। अब यहां बहुत कम किराएदार हैं जो लॉकडाउन के बाद भी घर नहीं गए। हालत यह है कि वे भी किराया देने की स्थिति में नहीं हंै। दूसरी तरफ सरकार ने फरमान जारी कर दिया है कि कोई भी मकान मालिक किराएदार से जबरदस्ती किराया नहीं लेगा।



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Workers and students returned home, more than five thousand houses empty in the city


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