लालघाटी थाने के ग्राम भदौनी में ट्रांसफार्मर बदलते समय हुई युवक की मौत के मामले में पुलिस ने बिजली कंपनी के दो कर्मचारियों पर गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार मर्ग जांच में सामने आया कि परमिट लेने के बाद भी सप्लाई चालू कर दी गई। जिस समय ट्रांसफार्मर पर काम चल रहा था, वहां सुरक्षा इंतजाम भी नहीं थे। पुलिस ने लाइनमैन और ग्रिड कर्मचारी को आरोपी बनाया है।
लालघाटी थाना प्रभारी मनीष दुबे ने बताया कि 24 जुलाई को हादसे में कमलसिंह पिता मेहरबान सिंह राजपूत (28) की मौत हो गई थी। उसके परिजनों ने कंपनी के कर्मचारियों की लापरवाही बताते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर दर्ज मर्ग पर जांच करते हुए मौजूद लोगों के बयान और कंपनी की लाइन लॉगबुक खंगाली गई। इसमें सामने आया कि लाइट बंद करने के परमिट को लेकर अनदेखी की गई। परमिट के मुताबिक तय समय से पहले बिजली चालू कर दी गई। लोगों के बयान में यह भी तथ्य सामने आया कि सुरक्षा उपकरणों की अनदेखी की गई। थाना प्रभारी दुबे ने बताया प्रकरण में आगे और विवेचना की जाएगी। फिलहाल लाइनमैन सोनारसिंह और ग्रिड कर्मचारी रवींद्र राजपूत के खिलाफ धारा (304), 34 में केस दर्ज किया गया। इस धारा में दस साल से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान है।
घर से बुलवाया था कमल को
ट्रांसफार्मर बदलने के लिए लाइनमैन और अन्य कर्मचारियों ने कमल को मदद के लिए उसके घर से बुलाया था। काम पूरा होने से पहले अचानक बिजली चालू हो गई, जिससे कमल करंट की चपेट में आ गया। उसे अस्पताल पहुंचाते तब तक उसकी मौत हो गई थी। एक माह चली जांच के बाद पुलिस ने बुधवार देर रात दोनों कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
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