
जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के 3 डॉक्टर को नोटिस जारी करने से रुठे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के 203 डॉक्टर बुधवार से बेमुद्दत हड़ताल पर चले गए। मेडिकल कॉलेज स्थित मृत्युंजय महादेव मंदिर परिसर में धरने पर बैठे डॉक्टरों को चर्चा के लिए कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने ऑफिस बुलाया।
लेकिन जांच करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को धरना स्थल पर भेजने की जिद पर अड़े डॉक्टर नहीं गए। हड़ताल के दौरान सिर्फ कोविड और आपात चिकित्सा इकाई में आए इमरजेंसी मामलों में मरीजों को इलाज दिया गया। सामान्य ओपीडी में आए 300 मरीज डॉक्टरों के इंतजार में घंटों अस्पताल में बैठे रहे। इसके बाद भी इलाज नहीं मिला तो वापस चले गए। सबसे ज्यादा परेशानी शहर के बाहर से एक से 2 हजार रुपए तक खर्च करके आए मरीजों को हुई। इन्हें भी इलाज नहीं मिला।
यह हैं मांगें
- डॉ. गौरव तिवारी एवं डॉ. पल्लवी मिश्रा के खिलाफ लगाए गए झूठे एवं बेबुनियाद आरोपों को जिला प्रशासन, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा, एमपी एमसीआई तुरंत वापस ले।
- तत्कालीन डीन डॉ. आरएस वर्मा तथा दो अन्य डॉक्टरों का रोका वेतन तुरंत बहाल किया जाए।
- डॉ. गौरव तिवारी एवं डॉ. पल्लवी मिश्रा पर आरोप लगाने वाली जांच कमेटी में सदस्यों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।
यह रहाहड़ताल का असर
- 20 ऑपरेशन टले, गर्भवती महिलाएं गई जिला अस्पताल
- 20 ऑपरेशन टाल दिए गए।
- 06 गर्भवती महिलाओं को जिला अस्पताल जाना पड़ा।
- 300 मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ा।
- 248 कुल डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में
- 203 हड़ताल पर
- 35 की कोविड अस्पताल में ड्यूटी
- 10 कैजुअल्टी में कर रहे काम
प्रदेशभर के डॉक्टरों व संगठनों का समर्थन
आईएमए, स्त्री रोग विशेषज्ञ संघ, नीमा, नर्सिंग होम एसोसिएशन, डेंटल एसोसिएशन, एमपीएमओए सहित अन्य संगठनों ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की हड़ताल को समर्थन दिया है। गुरुवार को इन संगठनों ने काम बंद हड़ताल का आह्वान किया है।
मरीजों का दर्द ....घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिला इलाज
डॉक्टर नहीं मिले तो प्लास्टर नहीं कटा
गौरझामर निवासी रामकुमार राजपूत ने बताया कि डेढ़ माह पहले हाथ में फ्रैक्चर हो गया था। डॉक्टरों ने प्लास्टर चढ़ाया था। बुधवार को प्लास्टर काटने के लिए बुलाया था। निजी वाहन पर 1000 रुपए खर्च करके आया हूं। 4 घंटे से इंतजार कर रहा हूं। लेकिन इलाज मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है।
3 घंटे तक नहीं हो सका चेकअप
सदर निवासी विनोद चौरसिया ने बताया कि डेढ़ माह पहले पेट का ऑपरेशन हुआ था। इसके बाद भी दर्द ठीक नहीं हुआ है। डॉक्टर ने बुधवार को बुलाया था। लेकिन डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। ओपीडी बंद होने के कारण चेकअप नहीं हो पा रहा है। 3 घंटे से डॉक्टरों के ड्यूटी पर आने का इंतजार कर रहा हूं।
दो घंटे तक इंतजार करता रहा
देवरी निवासी दिलीप पटेल ने बताया कि कुछ दिन पहले सड़क हादसे में मुंह में चोट आ गई थी। चोट तो अब ठीक हो गई है। लेकिन दांतों में काफी दर्द हो रहा है। वही दिखाने आया था। लेकिन डॉक्टरों के हड़ताल पर होने के कारण पिछले 2 घंटे से अस्पताल में भटक रहा हूं। आने जाने पर 300 रुपए खर्च हो गए। लेकिन फायदा कुछ नहीं हुआ है।
एक घंटे अस्पताल में भटकता रहा
तिलकगंज निवासी मुकेश सेन ने बताया कि डेढ़ साल पहले पेट का ऑपरेशन हुआ था। पिछले कुछ समय से नाभि में मवाद बनने लगा है। मंगलवार को आया था। एक्स-रे तथा अन्य जांच तो हो गई है। डॉक्टर ने सोनोग्राफी जांच कराने की सलाह दी थी। 1 घंटे से अस्पताल में भटक रहा हूं। डॉक्टरों के हड़ताल पर होने के कारण जांच नहीं हो पा रही है।
डॉक्टरों से मांगें पूछी हैं, जल्द काम पर आ जाएंगे
हड़ताल पर गए डॉक्टरों से चर्चा चल रही है। उनकी क्या मांगें हैं और उन्हें किस तरह हल करना है। इस पर विचार जारी है। जल्द ही समस्या का निराकरण हो जाएगा और डॉक्टर वापस काम पर आ जाएंगे।
- मुकेश शुक्ला, कमिश्नर सागर
हमने इमरजेंसी सेवा बाधित नहीं की
सीधी बात - डॉ. सर्वेश जैन, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन बीएमसी सागर
मामूली नोटिस पर हड़ताल करना उचित है?
- गाइडलाइन के अनुसार इलाज किया है। फिर भी दोषी ठहरा कर नोटिस दिया, विरोध क्यों नहीं किया जाएगा।
मरीजों की परेशानी का जिम्मेदार कौन है?
- हड़ताल पर जाने से पहले हमने नोटिस दिया था। मरीजों की सुविधा के लिए प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी। हमने कोविड अस्पताल और इमरजेंसी सेवाएं बाधित नहीं की है।
सवाल : यदि डॉक्टरों को नोटिस मिल गए तो इतना बड़ा कदम उठाना कितना उचित है?
- विरोध नोटिस से ज्यादा जांच कमेटी के सदस्यों के चयन और उनके द्वारा की गई गलत जांच का है। यह केवल सागर का मामला नहीं रहा। राज्य स्तर पर डॉक्टर विरोध शुरू करने जा रहे हैं। जो आरोप लगाए गए वह हास्यास्पद है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3iG3lAP
No comments:
Post a Comment