भिंड जिले में अब तक चार बार विधानसभा के उपचुनाव हाे चुके हैं लेकिन संयाेग यह रहा है कि चारों ही चुनाव में कांग्रेस काे फायदा हुआ है। सबसे पहला उपचुनाव वर्ष 1986-87 में गोहद विधानसभा सीट पर हुआ था। वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में गोहद सीट से कांग्रेस के चतुर्भुज भदकारिया विधायक चुने गए। उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने सोपत जाटव को मैदान में उतारा जो जीत गए। दूसरा उपचुनाव भिंड सीट पर वर्ष 1996 में हुआ।
वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के डॉ. रामलखन सिंह विधायक बने। बाद में वर्ष 1996 में सांसद बनने के बाद विधायकी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने चौधरी राकेश सिंह को उम्मीदवार बनाया जो चुनाव जीते। इन दोनों उपचुनाव के समय प्रदेश में सरकार कांग्रेस की ही थी। तीसरा उपचुनाव 2009 के लोस चुनाव में गोहद विधायक माखनलाल जाटव की हत्या के बाद हुआ।
कांग्रेस ने स्वर्गीय विधायक जाटव के बेटे रणवीर जाटव को मैदान में उतारा जो भाजपा के मास्टर सोवरन जाटव को हराकर विधायक बने। चौथा उपचुनाव अटेर से कांग्रेस विधायक सत्यदेव कटारे के निधन के बाद 2017 में हुआ। कांग्रेस ने उनके बेटे हेमंत कटारे को मौका दिया जबकि भाजपा से अरविंद सिंह भदौरिया को। इसमें हेमंत चुनाव जीत गए।
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