भारतीय किसान संघ के सदस्यों ने केंद्र सरकार से कृषि व्यापार अध्यादेश 2020 में सुधार करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम मिलिंद ढोके को ज्ञापन भी सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से संघ के सदस्यों ने बताया किसानो को उसके उपज का लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए। इस दृष्टि से समर्थन मूल्य तय हो। किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता हो लेकिन यह नवीन अध्यादेश कितना सफल होगा उसकी शंका है। इसके लिए आवश्यक है कि अध्यादेश में संशोधन किया जाना चाहिए। इसमें सभी प्रकार की खरीद समर्थन मूल्य पर होने का प्रावधान हो। निजी व्यापारियों का राज्य व केंद्र स्तर पर पंजीयन आवश्यक हो। साथ ही बैंक सिक्युरिटी भी हो। इस संबंध में जो भी विवाद हो उनका समाधान करने के लिए स्वतंत्र कृषि न्यायालय की स्थापना हो। विवादों का निपटारा किसान के जिले में किया जाए। अब कार्पोरेट कंपनियां भी किसान के रूप में आ रही है। उस को भी तर्क संगत बनाकर जो केवल कृषि पर निर्भर है, वही इस परिभाषा में आए। किसानों की उपज विक्रय भुगतान की गारंटी सरकार ले। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वे इन 5 बातों को अध्यादेश में अवश्य शामिल करे। कमल सिंह झीगड़ी, प्रकाश परिहार नांदिया, प्रवीण पंवार, सागर चौधरी, गोपाल चौधरी, अफजल पठान, बफलगांव, ओमप्रकाश खामखेड़ा, नाजिम खान, राकेश पटेल, लोकेंद्र पटेल जगतपुरा सहित अन्य किसान उपस्थित थे।
मिर्ची की फसल हुई खराब, दिया जाए मुआवजा
संघ के सदस्यों ने मिर्ची की फसल खराब होने पर मुआवजे की मांग को लेकर ज्ञापन दिया है। बड़वाह विकासखंड के सभी गांव में मिर्ची की फसल अत्यधिक धूप गिरने व सफेद मक्खी कीट व्याधि के कारण पूरे क्षेत्र में लगभग 10 हजार हेक्टेयर की मिर्ची फसल खराब हो चुकी है। प्रत्येक किसान ने महंगा बीज, दवाई व मजदूरों के लगभग 50 हजार रुपए प्रति एकड़ की लागत लगाने के बाद भी फसल को नहीं बचा पाए। किसी बैंक, संस्था द्वारा मिर्ची फसल का बीमा नहीं किया गया है। उन्होंने मांग की है कि ब्लाॅक में मिर्ची का सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।
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