राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन में जुट रही भीड़ को लेकर मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कड़ा रुख अपनाया है। बेंच के जस्टिस शील नागू और जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव ने न्याय मित्रों की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद मंगलवार को आदेश दिए कि भीड़ काबू में न करने और नियमों का पालन न कराए जाने को लेकर ग्वालियर, शिवपुरी, मुरैना, भिंड व दतिया के कलेक्टर-एसपी बुधवार को स्थिति स्पष्ट करें।
बेंच ने इन अधिकारियों को सुबह 9.30 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह और हाईकोर्ट से नियुक्त न्याय मित्र अधिवक्ता संजय द्विवेदी, राजू शर्मा व विजय दत्त शर्मा ने अपनी रिपोर्ट पेश कर फोटो के जरिए बताया कि किस प्रकार राजनीतिक कार्यक्रमों में हजारों लोग जमा हो रहे हैं और कोविड नियमों का पालन न होने से संक्रमित मरीजों व मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है। फोटो देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक कार्यक्रमों में भारी भीड़ हो रही हैं। फोटो में हजारों में लोग दिख रहे हैं।
राजनीतिक कार्यक्रमों में एसडीएम संक्रमित हुए और मौत भी हो गई
न्याय मित्रों ने जो रिपोर्ट हाईकोर्ट को दी है उसमें बताया गया कि सभा में बच्चों को भी बुलाया जा रहा है। राजनीतिक कार्यक्रम में एक एसडीएम भी संक्रमित हुए थे और संक्रमण के कारण उनकी मौत भी हो गई है। फिर भी राजनेता नियमों का पालन नहीं कर रहे, गाइड लाइन का उल्लंघन कर रहे हैं। आम आदमी के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है। वहीं अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी ने तर्क दिया कि न्यायमित्र की रिपोर्ट में ऐसा कोई तथ्य नहीं है, जिसमें कहीं भी 100 से ज्यादा लोग बताए हैं। अखबार की कटिंग के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। इसलिए गाइड लाइन का उल्लंघन नहीं माना जा सकता है।
न्यायमित्रों ने फोटो दिखाकर कहा गाइडलाइन का हो रहा है उल्लंघन
न्याय मित्रों ने जीवाजी विश्वविद्यालय में मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की गाड़ी के चारों ओर भारी भीड़ का फोटो कोर्ट में पेश किया। इस दौरान गाइडलाइन का उल्लंघन हो रहा था। पिछोर में आयोजित मुख्यमंत्री की सभा के तस्वीरें भी पेश किए गए। सीएम की सभा में गाइडलाइन का उल्लंघन बताया गया है। मंच के नीचे बैठे लोगों के तस्वीरें कोर्ट के समक्ष पेश किए। वहीं याचिकाकर्ता ने भी ग्वालियर पूर्व और ग्वालियर विधानसभा में हुए भूमि पूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम, जनसंपर्क और सभाओं के तस्वीरें पेश की हैं। इनमें भारी भीड़ नजर आ रही थी।
एमआईएस-सी...यानी मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम इन चिल्ड्रन। ये काेराेना की वजह से हाेने वाली नई बीमारी का नाम है। ग्वालियर में भी इस बीमारी ने दस्तक दे दी है। पिछले सप्ताह ही इस बीमारी से पीड़ित बच्ची सामने आई। इसे जेएएच में उपचार के बाद ठीक किया जा चुका है।
डॉक्टरों की आशंका है कि यह बीमारी बच्चों में फैल सकती है। इस कारण यदि बच्चे को बुखार आने के साथ शरीर पर लाल चकत्ते हो रहे हैं और उसकी आंखें लाल रहती हैं। साथ ही मुंह और जीभ में छाले हो रहे तो इसे गंभीरता से लें और बच्चे का कोराेना टेस्ट कराएं।
डॉक्टरों के मुताबिक ये नई बीमारी है जो कावासाकी डिसीज शॉक सिंड्रोम (केडीएसएस) से मिलती जुलती है। केडीएसएस आम तौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को होता है।
कोरोना एमआईएस-सी में उक्त लक्षणों के साथ उल्टी-दस्त और पेट दर्द भी होता है। इसमें सामान्य दवाओं से बुखार ठीक नहीं होता है। ऐसे में बच्चे काे विशेषज्ञ को दिखाएं। बच्चों में कोविड-19 से जुड़ी ये बीमारी उनके हृदय को लंबे समय के लिए क्षतिग्रस्त कर सकती है। डाॅक्टराें के मुताबिक ज्यादा दिन तक इस बीमारी से पीड़ित रहने वाले बच्चे के हाथों और पैरों की अंगुलियों से त्वचा निकलने लगती है।
इसलिए खतरनाक है ये बीमारी
डाॅक्टराें के मुताबिक काेराेना से जुड़ी एमआईएस-सी बीमारी 3 साल से अधिक अायु के बच्चाें काे हाे सकती है। इससे शरीर में जहरीले तत्व उत्पन्न होकर फैल जाते हैं। कई अंग काम करना बंद कर देते हैं। हृदय की पंपिंग कम होने से धमनियां फट सकती हैं।
ये हैं बीमारी के लक्षण:
शरीर का रंग पीला या नीला पड़ जाना।
शरीर पर लाल चकत्ते उठ आना।
होंठ और जीभ, पीठ पर लाल दाने।
सीने में दर्द और धडकनों का तेज चलना।
हाथ पैरों व गर्दन में सूजन और उल्टी-दस्त, पेट दर्द, कमजोरी।
ये बीमारी लाइलाज नहीं है
यह बीमारी लाइलाज नहीं है। समय रहते इसका पता चल जाए तो बच्चा पूरी तरह ठीक हो सकता है। ग्वालियर में जो बच्चा इस बीमारी से पीड़ित मिला था, वह पूरी तरह ठीक हो चुका है। अंचल में किसी भी डॉक्टर के पास इन लक्षणों से पीड़ित बच्चा आता है तो वह उसे जेएएच भेजें। -डॉ. अजय गौड़, विभागाध्यक्ष, पीड़ियाट्रिक विभाग जीआरएमसी
The revelation, per Sunday's New York Times report, that President Trump paid little to no federal income tax in recent years will redirect the conversation at Tuesday night's general election debate. But will it redirect any meaningful number of votes?I suspect not, not even among the president's most reluctant supporters.In broad strokes, there are two reasons to vote for Trump in 2020: liking who he is or liking what (you think) he'll do. This is an artificial separation of two rationales that often overlap, but let's call them the personality voter and the transactional voter.The personality voter likes how crude and cunning Trump is. She proudly brands herself "a deplorable" in reference to Hillary Clinton's infamous 2016 remark. She thinks it's funny when Trump riles his enemies, who, not coincidentally, are her enemies, too. This strain of Trump support tends to have a strong populist flavor, where supporting Trump gives "a collective middle finger" to political and cultural elites this voter despises and whom she believes despise her in turn.For the personality voter, Trump's ability to avoid paying income taxes is untroubling. It's far from the first violation of establishment norms she has vicariously enjoyed through her candidate. If anything, she agrees, as he said at a 2016 debate with Clinton, that successful tax avoidance "makes [him] smart." The populist hypocrisy Trump's critics see here won't register.Personality isn't necessarily relevant for the transactional voter, our second type. In some cases, Trump's personality helps him deliver on his side of the transaction. If the thing a voter wants from Trump is to own the libs, for example, his personality is an asset. But if the thing desired involves a policy or program, Trump's personality might be immaterial or actually detrimental. Many purely transactional voters would willingly — maybe far more willingly — vote for any candidate who would do what they want Trump to do. Their vote isn't for Trump qua Trump but for Trump qua the candidate they think is most likely to provide what they want."I voted for the Supreme Court. I didn't want to vote for Trump," an archetypal transactional Trump voter named Jim George told The Washington Post in 2017. "With Trump, you just hold your nose."A transactional Trump voter in 2020 is already holding his nose too firmly to catch a whiff of these tax returns. If he's decided everything Trump has said and done over the past four years does not tip the scales against whatever good he believes will come from re-electing the president, the tax story won't do it, either. It definitely won't turn him into a Joe Biden voter, and I'm skeptical that it could even keep him home, because Trump's personal life is irrelevant to his provision of whatever benefit(s) is anticipated.The transactional voter is already under contract. He's had ample time to inspect Trump, and he didn't find anything that made him want to back out of the deal.There is one scenario in which that arrangement might fall through, and that's if Trump's personal financial circumstances rendered him unable to hold up his end of the imagined bargain. But how would that happen? Or rather, how would the transactional voter become convinced it had happened were he satisfied with Trump's performance to date?The Times reported Trump has hundreds of millions of dollars in debt for which he is personally liable coming due over the next four years, possibly including around $100 million owed to the IRS should the agency decide a large tax rebate was improperly obtained. These are staggering numbers for us little people to contemplate, but if he holds onto the presidency, Trump is expected simply to obtain extensions on his loans and use his office however he can to mitigate his personal financial catastrophe. It would be an enormous debacle, very possibly leading to another impeachment or special counsel investigation and distracting the president from whatever his part of the transaction is supposed to be.Well, so what? Trump's first four years have had an enormous debacle every week, and an impeachment and special counsel investigation, too. Trump accomplished relatively little of his policy promises, certainly none of the headlines. The wall is not built; the swamp is not drained; not a single one of the "endless wars" is ended; the American steel industry did not come roaring back to life. Trump's most significant fulfilled promise — nominating conservative justices to the Supreme Court — was the one over which he arguably had the least influence: He could not know whether or when there would be a vacancy, and he was undoubtedly responsible for few, if any, of the names on his shortlist.If this level of distraction and failure is acceptable to the transactional voter, a second-term Trump fighting foreclosure and the IRS is too.More stories from theweek.com 'Sully' Sullenberger savages Trump's 'lethal lies and incompetence' in new Lincoln Project ad Disney will lay off 28,000 theme park employees after months of coronavirus furloughs Trump reportedly made tens of millions in the Great Recession by partnering with multilevel marketing companies
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चार दिन की हल्की राहत के बाद मंगलवार काे नए संक्रमिताें की संख्या फिर से 150 काे पार कर गई। मंगलवार को सभी तरह की जांचों में कुल 154 लाेग संक्रमित पाए गए। इससे पहले 25 सितंबर को 159 लाेगाें के सैंपल की रिपाेर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन 25 से 29 सितंबर के मध्य के चार दिन राहत भरे रहे। इस दाैरान संक्रमितोंं की संख्या कम होने लगी थी। 26 सितंबर को 116, 27 सितंबर को 130 तथा 28 सितंबर को महज 87 कोरोना पॉजिटिव सामने आए थे। इन्हें देखकर विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे थे कि कोरोना संक्रमण अब शायद कम होने लगेगा, लेकिन मंगलवार को फिर से संक्रमिताें की संख्या बढ़ने के कारण चिंताएं बढ़ गईं हैं। इसकी बड़ी वजह मौतों का तेजी से बढ़ता ग्राफ। सितंबर के 29 दिन में ही काेराेना से 102 लाेगाें की जान जा चुकी है। अब तक मृतकाें की संख्या 181 पर पहुंच गई है।
दरअसल, 24 मार्च से 31 अगस्त तक जिले में 6048 काेरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे ओर 79 मरीजों की मौत हो गई थी। इनमें से अगस्त के 31 दिनों में 59 मरीजों की मौत हुई थी। जबकि सितंबर के 29 दिन में ही संक्रमित मरीजों की संख्या 5340 पहुंच गई है और इस दाैरान मृतकाें का आंकड़ा 102 पर पहुंच गया है। जबकि मार्च से 31 जुलाई तक महज 20 मरीजों की मौत हुई थी।
डबरा एसडीएम दूसरे शासकीय सेवक, जिन्होंने कोरोना से जान गंवाई
कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझते हुए गुड़गांव के अस्पताल में जान गंवाने वाले डबरा एसडीएम राघवेंद्र पांडेय मूलत: उप्र के गोरखपुर के पास बस्ती के रहने वाले थे। जिले में उनकी छवि एक सहज और सरल अफसर के रूप में थी। डबरा में अपने दो बार के कार्यकाल में वे एक साल पदस्थ रहे। कोरोना संक्रमण जब तेजी से फैला तो उन्हें डबरा की कमान सौंपी गई थी। उन्होंने बखूबी इस जिम्मेदारी निर्वहन किया।
हालांकि कुछ दिन पहले उनका तबादला डबरा से दतिया कर दिया गया था लेकिन उन्होंने ज्वाॅइन नहीं किया था। गत 11 सितंबर को सीएम के कार्यक्रम वाले दिन वे संक्रमित पाए गए थे। हालांकि बीमार होने की वजह से वे सीएम के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। श्री पांडेय कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले दूसरे शासकीय सेवक थे। इससे पहले शहर की एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हेमलता वर्मा की भी जान जा चुकी है। उन्हें सरकार ने कोरोना योद्धा घोषित किया था।
चार परिवाराें के चार-चार सदस्य मिले कोरोना संक्रमित
जीआरएसमी की वायरोलॉजिकल लैब, जिला अस्पताल मुरार और प्राइवेट लैब में हुई जांच में मंगलवार को मिले संक्रमिताें में बीएसएफ टेकनपुर के छह जवान शामिल हैं। अब तक बीएसएफ के डेढ़ सैकड़ा जवान पॉजिटिव हो चुके हैं। जीआरएमसी से इंटर्न कर रही साकेत नगर में रहने वाली डॉक्टर के परिवार के चार सदस्य कोरोना संक्रमित निकले हैं। रामबाग कॉलोनी, दुष्यंत नगर और दीनदयाल नगर में भी चार परिवाराें के चार-चार लोग संक्रमित निकले हैं। इसके अलावा सुरेश नगर में एक ही परिवार के पांच लोग कारोना पॉजिटिव निकले हैं।
पिछले महीने गंदगी भारत छोड़ो अभियान के तहत हुई स्टेट लेवल रैंकिंग में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ। रोजाना की सफाई व्यवस्था में भोपाल को सिर्फ 46 नंबर मिले, लेकिन सिटीजन फीडबैक से लेकर ज्वाइंट डायरेक्टर के अभिमत की चार श्रेणियों में 95 से 100 नंबर तक कैसे मिले? इस सवाल का जवाब तलाशने पर पता चला कि बाहरी अधिकारी से मॉनिटरिंग के नाम पर नगर निगम के एएचओ को ही आपस में एक-दूसरे के जोन को नंबर देने को कह दिया गया। स्वच्छता की गतिविधियों से जुड़े रहवासी संघों से फीडबैक लेने को कहा गया। नगरीय आवास एवं विकास विभाग के अफसरों ने सर्वे का सेटअप ही ऐसा बनाया कि सबने एक-दूसरे की कमियों और गलतियों को छुपा लिया।
राेज सफाई...पोर्टल पर अपलोड करना थी
सर्वे में भोपाल को 500 में से 440 नंबर मिले जो 88 प्रतिशत होता है। लेकिन रोजाना की सफाई में हमें 100 में से 46 ही नंबर मिले हैं। इस कैटेगरी में नंबर लेने के लिए रोजमर्रा की साफ सफाई के लिए लिए किए गए कार्यों को एक पोर्टल पर अपलोड करना था। हालांकि अफसर कह रहे हैं कि रोजाना का काम वेबसाइट पर अपलोड नहीं हुआ, इसलिए नंबर कटे लेकिन सच्चाई यह है कि शहर के बड़े हिस्से में सफाई व्यवस्था का स्तर गिर गया है।
एएचओ ने निभाई दोस्ती
बाहरी अधिकारी से मॉनिटरिंग के मामले में तो जोरदार खेल हुआ। विभाग ने नगरपालिकाओं में आपस में बदलकर अफसर भेजे और नगर निगम में एएचओ को आपस में बदला गया। हर एएचओ ने अपने साथी से दोस्ती निभाई और इस कैटेगरी में पूरे 100 नंबर मिल गए।
सिर्फ अपनों का फीडबैक
सिटीजन फीडबैक के लिए एक गूगल शीट बनाई गई थी। रिकॉर्ड पर तो भोपाल से 52 हजार लोगों ने फीडबैक दिया और 99 नंबर मिले। निगम के स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े रहवासी संघों और अन्य संगठनों के लोगों के साथ निगम के कर्मचारियों ने यह फीडबैक दिया।
जेडी का फीडबैक भी केवल औपचारिकता
यूएडीडी के ज्वाइंट डायरेक्टर का फीडबैक भी केवल औपचारिकता रह गया। उन्होंने भी बिना अधिक जांचें परखे 95 नंबर दे दिए।
स्वच्छता गतिविधि
स्वच्छता की शपथ जैसे कार्यक्रमों से लिए 100 नंबर रहवासी संघों और संगठनों के सहयोग से शहर में जगह-जगह स्वच्छता की शपथ लेने के कार्यक्रम हुए। उनकी फोटो स्वच्छ मंच के पोर्टल पर अपलोड की गईं और इसमें पूरे 100 नंबर मिल गए।
सिस्टम में सुधार की जरूरत तो है सिस्टम में सुधार की जरूरत है। इसको तो मैं भी स्वीकार करता हूं। हम नए ट्रांसफर स्टेशन बनाने के साथ प्रोसेसिंग पर भी ध्यान दे रहे हैं। कुछ दिनों में सुधार दिखेगा। मुझे लगता है कि हमें डेली रिपोर्टिंग में भी 90 से अधिक नंबर मिल सकते थे, लेकिन पोर्टल पर अपलोड करने में गफलत हो गई। - वीएस चौधरी कोलसानी, कमिश्नर, नगर निगम
Supreme Court Justice Ruth Bader Ginsburg was buried Tuesday in a private ceremony at Arlington National Cemetery, laid to rest beside her husband and near some of her former colleagues on the court. Washington last week honored the 87-year-old Ginsburg, who died Sept. 18, with two days where the public could view her casket at the top of the Supreme Court's steps and pay their respects. On Friday, the women's rights trailblazer and second woman to join the high court lay in state at the U.S. Capitol, the first woman to do so.
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प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हाे गई है, लेकिन इसका असर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के कामकाज पर नहीं हाेगा। चुनाव क्षेत्र ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व और डबरा सीट के साथ ग्रामीण और भितरवार विधानसभा में आचार संहिता की पाबंदियां लागू रहेंगी। जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने चुनाव आयोग की गाइडलाइन का हवाला देते हुए इसकी पुष्टि की।
बदला-बदला सा रहेगा इस बार का चुनाव, ये हैं वजह
मतदानकर्मियों को 3 दिन पहले पता चलेगा ड्यूटी स्थल... मतदान के लिए जिन कमर्चारियाें की ड्यूटी लगेगी, उन्हें अब तक 24 घंटे पहले ही ड्यूटी प्वाॅइंट का पता चल जाता था लेकिन इस उपचुनाव में कर्मचारियों को 3 दिन पहले ड्यूटी स्थल बता दिया जाएगा।
ऑनलाइन नामांकन... प्रत्याशी इस बार मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन नामांकन भर सकेंगे। इसका प्रिंट निकालकर रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। ऐसे ही ऑनलाइन शपथ पत्र भी भरे जा सकेंगे।
दाे वाहन और दाे समर्थक... नामांकन के लिए जाते समय रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में प्रत्याशी के साथ अधिकतम दो व्यक्ति ही जा सकेंगे। इसी तरह नामांकन के लिए जाने वाले वाहनों की संख्या भी अधिकतम दो तक सीमित की गई है।
बुजुर्गाें काे डाक मतपत्र... कोरोना संक्रमित व्यक्तियों, दिव्यांग और 80 साल से अधिक आयु के लोगों को डाक मत पत्र की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए क्षेत्र के संबंधित रिटर्निंग अधिकारी के यहां आवेदन करना होगा।
The Trump team, like the president himself, is working aggressively to make voters disbelieve what they see and hear from Joe Biden at the first debate.
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हवा के रुख में बदलाव और नमी में गिरावट आते ही तापमान में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया है। नमी में गिरावट का कारण राजस्थान के ऊपर प्रतिचक्रवात बनना है।
साथ ही पश्चिमी राजस्थान से मानसून की विदाई हो चुकी है। ग्वालियर-चंबल संभाग से मानसून की विदाई अगले 24 घंटे के दौरान हो जाएगी। पिछले 24 घंटे के दौरान अधिकतम तापमान 0.8 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 37.1 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 2.6 डिग्री अधिक रहा। जबकि न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 23 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 1.3 डिग्री अधिक रहा। सुबह की आर्द्रता 64 फीसदी रही। यह सामान्य से 3 फीसदी अधिक रही। जबकि शाम की आर्द्रता 36 फीसदी रही। यह सामान्य से 21 फीसदी कम रही।
11 साल बाद मानसून सीजन में सबसे कम बारिश
इस मानसून सीजन में 517.6 मिमी बारिश हुई है, जाे 2009 में हुई 399.6 मिमी बारिश के बाद सबसे कम है। जिले में औसत बारिश का कोटा 790.6 मिमी है। जबकि बारिश 517.6 मिमी हुई। इस तरह 273 मिमी बारिश औसत कोटे से कम हुई है।
आगे क्या: 24 घंटे में मानसून विदा हो जाएगा
अगले 24 घंटे के दौरान मानसून की विदाई ग्वालियर-चंबल संभाग से हो जाएगी। हालांकि अभी दिन में चटक धूप रहेगी। इससे लोग गर्मी का अहसास करेंगे। -वेद प्रकाश सिंह, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक
नगरीय प्रशासन ने संपत्तिकर, जल कर, लीज रेंट में सरचार्ज पर छूट देने का फैसला लिया है। यह छूट 31 दिसंबर 2020 तक दी जाएगी।
संपत्ति कर व अधिभार सरचार्ज में 50000 रु. तक बकाया पर सरचार्ज में 100%, 50000 से एक लाख रु. तक 50% और एक लाख रु. से अधिक बकाया पर 25% छूट मिलेगी।
जल कर व अधिभार की राशि 10000 रु. तक बकाया पर सरचार्ज में 100%, 10000 से 50000 रु. तक 75% और 50000 रु. से ज्यादा बकाया पर 50% छूट मिलेगी
निकायों की संपत्ति के लीज रेंट या किराए व अधिभार की राशि 20000 रु. तक बकाया पर सरचार्ज में 100%, 20000 से 50000 रु. तक पर 50% और 50000 रु. से ज्यादा पर सरचार्ज में 25% की छूट मिलेगी।
पत्नी के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सस्पेंड किए गए महानिदेशक पुरुषोत्तम शर्मा और उनकी पत्नी के बीच विवाद पहले भी होते रहे हैं। 12 साल पहले ग्वालियर के हरीशंकरपुरम स्थित निवास पर शर्मा दंपति के बीच झगड़ा हुआ था, तब श्री शर्मा के खिलाफ पत्नी प्रिया शर्मा ने विश्वविद्यालय थाने में घरेलू हिंसा व मारपीट करने की शिकायत की थी।
बाद में दोनों के बीच समझौता हो गया था। यही नहीं डबरा थाने में श्री शर्मा के खिलाफ उनके छोटे भाई की पत्नी ने दहेज प्रताड़ना का मामला भी दर्ज कराया था।मूलत: डबरा के रहने वाले पुरुषोत्तम शर्मा का निवास ग्वालियर के हरीशंकरपुरम में हैं। 2008 में जब पुरुषाेत्तम शर्मा भोपाल में बतौर डीआईजी पदस्थ थे तब ग्वालियर में उनके व पत्नी प्रिया शर्मा के बीच झगड़ा हुआ था।
इसके बाद विश्वविद्यालय थाने में पत्नी ने उनके खिलाफ मारपीट करने के साथ घरेलू हिंसा की शिकायत की थी। पुलिस सूत्राें ने बताया कि इस घटना के बाद शर्मा दंपति काे मेला स्थित पुलिस के तत्कालीन परामर्श केंद्र पर काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था। दोनों के बीच करीब डेढ़ माह तक बातचीत का दौर चला था। इसके बाद प्रिया शर्मा ने शिकायत वापस लेते हुए समझौता कर लिया था। इस घटना के बाद श्री शर्मा और परिवार के खिलाफ उनके छोटे भाई की पत्नी ने प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था। यह मामला अदालत तक भी पहुंचा था।
जिस महिला के घर गए थे डीजी, उसका पति ग्वालियर में लॉकडाउन के दौरान अवैध शराब के साथ पकड़ा गया था
डीजी पुरुषाेत्तम शर्मा काे पत्नी प्रिया शर्मा ने जिस महिला के फ्लैट पर पकड़ा था, वह ग्वालियर की हजीरा क्षेत्र की निवासी है। बताया गया है कि महिला का पति काेराेना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान हजीरा क्षेत्र में ही अवैध शराब के साथ भी पकड़ा गया था। महिला भाेपाल के एक न्यूज चैनल में एंकर है, लेकिन उसने ग्वालियर में कभी मीडिया के क्षेत्र में काम नहीं किया।
इंदौर में मंगलवार को 482 नए मरीज मिले, जो एक दिन में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीं 7 की मौत हो गई। शहर में अब एक्टिव मरीजों की संख्या 4597 पर पहुंच गई है। यहां अब तक 24006 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से 18844 ठीक हो गए। अब तक 565 लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार से खजराना गणेश मंदिर समेत अन्य धर्मस्थल खोल दिए गए हैं।
उधर, स्वास्थ्य विभाग को 14 हजार रैपिड एंटीजन जांच किट मिल गई है। इससे कुछ दिनों से हो रही कम जांचों को गति मिलेगी और अधिक संख्या में कोविड के सैंपल टेस्ट किए जा सकेंगे। हालांकि 14 हजार किट इस लिहाज से भी कम ही हैं, क्योंकि अगर हर दिन शहर के 44 फीवर क्लिनिक पर 2 हजार जांचें हुईं तो सात दिन में ही किट खत्म हो जाएगी।
अभी जिस तरह की दिक्कत अभी इसके मिलने में आई है, वैसी परेशानी चलती रही तो फिर जांचों पर ब्रेक लगेगा। वैसे अफसरों का कहना है कि व्यवस्था को ऐसा बना रहे हैं कि जैसे ही किट खत्म होगी, भोपाल से आपूर्ति हो जाएगी। इधर, अब अफसरों ने किट मिलते ही बुधवार से शहर में 4 हजार जांच रोज करने का लक्ष्य तय किया है। 2 हजार जांचें फीवर क्लिनिक में तो 2 हजार आरटीपीसीआर से होंगी। पूर्व में यह लक्ष्य 3800 का था।
डबरा एसडीएम सहित चार की मौत, 154 नए संक्रमित मिले
ग्वालियर | कोरोना से मंगलवार काे डबरा एसडीएम राघवेंद्र पांडेय (47) समेत 4 मरीजाें की माैत हाे गइ। एसडीएम गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती थे। सुबह 8 बजे उनकी मौत हो गई। उधर, 154 नए संक्रमित मिले। जिले में 11388 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं।
जबलपुर : 176 नए पॉजिटिव, दो मौतें
जिले में मंगलवार को 176 नए मरीज मिले और 201 ठीक हाेकर घर लाैटे। दो मरीजों की मौत हुई। अब तक 149 मरीजाें की माैत हाे चुकी है। एक्टिव केस 1318 हैं। यहां कुल संक्रमिताें की संख्या 9855 हाे गई।
राजनीतिक कार्यक्रमों में भीड़ से हाईकोर्ट सख्त- 5 जिलों के कलेक्टर-एसपी की वीसी से आज होगी पेशी ग्वालियर | राजनीतिक आयोजनाें में जुट रही भीड़ को लेकर मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कड़ा रुख अपनाया है। जस्टिस शील नागू और जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव ने न्याय मित्रों की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद मंगलवार को आदेश दिए कि भीड़ काबू में न करने और नियमों का पालन न कराए जाने को लेकर ग्वालियर, शिवपुरी, मुरैना, भिंड व दतिया के कलेक्टर-एसपी बुधवार को स्थिति स्पष्ट करें। बेंच ने इन अधिकारियों को सुबह 9.30 बजे वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह और हाईकोर्ट से नियुक्त न्याय मित्र अधिवक्ता संजय द्विवेदी, राजू शर्मा व विजय दत्त शर्मा ने अपनी रिपोर्ट पेश कर फोटो के जरिए बताया कि किस प्रकार राजनीतिक कार्यक्रमों में हजारों लोग जमा हो रहे हैं और कोविड नियमों का पालन न होने से संक्रमित मरीजों की व मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है। राजनीतिक कार्यक्रम में एक एसडीएम भी संक्रमित हुए थे और संक्रमण के कारण उनकी मौत भी हो गई है। फोटो देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक कार्यक्रमों में भारी भीड़ हो रही हैं। फोटो में हजारों में लोग दिख रहे हैं।
उपनगर ग्वालियर के लधेड़ी क्षेत्र में सोमवार-मंगलवार की रात बाथरूम जा रही किशोरी के साथ पड़ोसी दो युवक गौरव बाथम और शिब्बू उर्फ शिवम ने दुष्कृत्य करने का प्रयास किया। आरोपियों ने किशोरी को गोली मारने की धमकी भी दी। घटना के दौरान ही किशोरी की मां की नींद खुल गई, वह बेटी को तलाशते हुए बाहर निकली ताे युवक धमकी देकर भाग गए। तभी शोर सुन एकत्र हुए पड़ोसी आरोपियों के घर पर पहुंच गए।
इसी दौरान सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और आरोपियों को पड़ोसियों से बचाकर थाने ले गई।
लधेड़ी निवासी कक्षा 9 की छात्रा बीती रात करीब 1.30 बजे बाथरूम जा रही थी तभी आरोपी उसके घर में घुस आए और किशोरी को घर से बाहर खींच लाए और सकुछ दूरी पर ले जाकर उसके साथ गलत हरकत करने लगे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
प्रदेश सरकार ने नवरात्र में पंडाल और इनमें 6 फीट की प्रतिमा बनाने की गाइड लाइन जारी की है। इससे मूर्तिकारों को उम्मीद थी कि अब उन्हें प्रतिमा के ऑर्डर मिलने लगेंगे लेकिन अब तक कलाकारों की उम्मीद पूरी नहीं हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 20 से 25 प्रतिशत ऑर्डर ही मूर्तिकारों को अब तक दिए हैं, इससे आशंका इस बात की है कि इस बार पंडाल भी शहर में कम संख्या में ही लगेंगे। प्रति वर्ष लगभग 800 देवी पंडाल शहर में स्थापित किए जाते थे, इस बार संख्या आधी से भी कम ही रह जाएगी, ऐसी आशंका कलाकारों द्वारा जताई जा रही है।
कोरोना संक्रमण की वजह से गणेश उत्सव के दौरान सरकार ने 1 फीट की प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति दी थी, इसकी वजह से गणेश उत्सव में शहर में गणेश पंडाल नहीं लगाए गए थे। नवरात्र के लिए सरकार ने छह फीट की प्रतिमा स्थापित करने की छूट दे दी थी, इससे उम्मीद थी कि शहर में पंडाल लगेंगे और नवरात्र में पिछले वर्ष जैसी धूम रहेगी। लेकिन अब तक पंडाल के लिए प्रतिमा का ऑर्डर देने के लिए कम ही लोग पहुंचे हैं। कलाकारों के अनुसार शहर भर से अभी तक 200 ऑर्डर भी पूरे नहीं हुए हैं जबकि पिछले साल यह संख्या अब तक 500 से ज्यादा हो गई थी।
प्रतिमाओं का कच्चा माल महंगा लेकिन खरीदार कीमत देने को तैयार नहीं
इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से सप्लाई कम होने से प्रतिमा बनाने के लिए कच्चा माल जैसे लकड़ी, गौंद, मिट्टी जैसी वस्तुओं की कीमत पिछले वर्षों की अपेक्षा ज्यादा हो गई है लेकिन प्रतिमाओं के खरीदार बढ़ी हुई कीमत देने को तैयार नहीं हैं।
छोटी मूर्तियों में आयोजकों की रुचि कम
6 फीट की प्रतिमा स्थापित किए जाने की गाइडलाइन आने से पहले कुछ कलाकारों ने 2 फीट तथा इससे छोटी प्रतिमाएं बनाकर तैयारी कर ली थीं लेकिन अब उन्हें कोई लेने को तैयार नहीं हैं। पंडाल लगा रहे आयोजक इससे बड़ी प्रतिमाएं बनवा रहे हैं। वहीं छोटे पंडाल लगाने वाले अभी कलाकारों तक नहीं पहुंचे हैं।
2 फीट की प्रतिमा के लिए एक भी ग्राहक नहीं आया
पिछले साल अब तक 100 से ज्यादा प्रतिमा बनाने के ऑर्डर आ गए थे लेकिन इस बार 20 ऑर्डर भी न हीं आए हैं। 2 फीट की प्रतिमाएं भी बनाई हैं लेकिन इनके ग्राहक अभी तक नहीं आए हैं। -धनीराम प्रजापति, मूर्तिकार
ऑर्डर कम आए हैं
गाइड लाइन जारी होने के बाद भी इस बार ऑर्डर कम आए हैं, इसलिए प्रतिमा बनाने का काम भी देरी से शुरू हो रहा है। -सुनील प्रजापति, मूर्तिकार
निर्वाचान आयोग ने प्रदेश में विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी। इसके साथ ही जिले के मांधाता विधानसभा क्षेत्र में आदर्श आचरण संहिता लागू हाे गई। यहां 3 नवंबर को मतदान होगा। इस लिहाज से इस सीट पर उपचुनाव में प्रचार के लिए प्रत्याशियों को कुल 33 दिन (30 सितंबर से 2 नवंबर) का समय मिला है। इन 33 दिनों के भीतर प्रत्याशियों को 260 किमी से भी ज्यादा के दायरे में फैले मांधाता विधानसभा क्षेत्र के 104 ग्राम पंचायतों के 175 से अधिक गांवों को नापना होगा। मांधाता विस क्षेत्र में हरसूद व धनगांव के भी गांव शामिल हैं। मांधाता सीट पर भाजपा व कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है, जबकि निर्दलीय एवं आम आदमी पार्टी के नेता भी चुनाव लड़ने के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं। इधर उपचुनाव की प्रक्रिया की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर अनय द्विवेदी और उपनिर्वाचन अधिकारी एसएल सिंघाड़े ने कलेक्टोरेट में दी।
ऑनलाइन नामांकन जमा कराने के बाद एक कॉपी एसडीएम कार्यालय में देना होगी
रोचक... विधानसभा क्षेत्र के भेटखेड़ा में सबसे कम 58, बिल्लौदमाल में सबसे अधिक 1016 मतदाता
विस क्षेत्र में सबसे कम मतदाता बूथ क्रमांक 221 भेटखेड़ा में केवल 58 हैं। यहां मतदान का प्रतिशत 99 रहता है, जबकि सबसे ज्यादा मतदाता बूथ क्रमांक 245 बिल्लौदमाल में 1016 हैं। विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 1,96,301 हैं। इसमें पुरुष 101772, महिला 94526 व अन्य 3 मतदाता हैं। वहीं मिलिट्री वोटर्स की संख्या 31 हैं, जबकि दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 1626 हैं। मतदान के लिए कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए 1 हजार से ज्यादा संख्या वाले मतदान केंद्रों पर 30 उप-मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसके साथ विस क्षेत्र में मतदान केंद्रों की संख्या 293 हो गई है।
यह भी जानें... विस क्षेत्र में क्रिटिकल 73 व संवेदनशील 53, संपर्क क्षेत्र से दूर शेडो एरिया वाले 2 मतदान केंद्र
विस क्षेत्र में क्रिटिकल 73 व संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या 53 है। वहीं संपर्क क्षेत्र से दूर वाले मतदान केंद्र केवल 2 हैं। जहां पर अतिरिक्त पुलिस बल मतदान के दौरान लगाया जाएगा। चुनाव में कुल 26 आदर्श व 2 महिला मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। जबकि दूसरे जिले की सीमाओं से सटे विस क्षेत्र के 69 मतदान केंद्रों की विशेष निगरानी होगी। मतदान के लिए वोटर आईडी के साथ आधार कार्ड, मनरेगा जाबकार्ड, पेनकार्ड, बैंक-पोस्ट आफिस के फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय के स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, संस्थाओं के पहचानपत्र, स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पहचान पत्र एवं सांसद, विधायक को जारी परिचयपत्र मान्य होंगे।
दोनों पार्टियों के स्टार की संभावित सभा
भाजपा में शिवराज-सिंधिया तो कांग्रेस के प्रचार में आएंगे कमलनाथ-पायलट
उपचुनाव में भाजपा व कांग्रेस के स्टार प्रचारक मांधाता विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार के लिए आएंगे। भाजपा प्रत्याशी नारायण पटेल के प्रचार में सीमए शिवराजसिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा, सांसद हेमा मालिनी आ सकती हैं। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ, राजस्थान के नेता सचिन पायलट, दिग्विजयसिंह, नवजोतसिंह सिद्धू एवं राज बब्बर आ सकते हैं।
9-16 अक्टूबर तक नामांकन, 3 को मतदान व 10 नवंबर को मतगणना
नाम-निर्देशन की अधिसूचना 9 अक्टूबर को जारी होगी। 9 से 16 तक नामांकन दाखिल होंगे। फार्म की समीक्षा 17 को होगी। नाम वापसी 19 तक होगी। मतदान 3 नवंबर को और मतगणना 10 नवंबर को होगी।
मांधाता में 196306 मतदाता, 80 पार बुजुर्गों की संख्या 2436
{17वें राउंड में नरेंद्र की थी 1200 की लीड, 19वें में 1236 से हारे
जिले की एकमात्र सामान्य सीट मांधाता विस क्षेत्र में 2018 के चुनाव में भाजपा की हार चर्चा का विषय रही। यहां पर हार का ठीकरा भाजपा सांसद चौहान, पूर्व विधायक लोकेंद्रसिंह तोमर और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी जिसमें मंडल अध्यक्ष के सिर फूटा था। मतगणना के 17वें राउंड में कांग्रेस के नारायण पटेल से भाजपा के नरेंद्रसिंह तोमर 1200 मतों से आगे चल रहे थे। 18वें राउंड में किल्लौद के 28 पोलिंग बूथों की ईवीएम खुली तो अंतर कम होने लगा। 19वें राउंड में तोमर 1236 वोटों से हार गए।
सार्वजनिक स्थलों पर लगे राजनीतिक दलों के होर्डिंग व बैनर-पोस्टर हटाए
मूंदी | विधानसभा उपचुनाव की अधिसूचना जारी होते ही नगर में आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन शुरू हो गया है। मंगलवार दोपहर 2:30 बजे बाद से ही नगर परिषद की टीम सक्रिय हो गई। कर्मचारियों ने शासकीय संपत्ति एवं खंभों पर लगे बैनर-पोस्टर निकालने शुरू कर दिए। आचार संहिता 29 सितंबर से 12 नवंबर तक मांधाता विधानसभा में प्रभावशील रहेगी। सुबह 11 बजे भाजपा प्रत्याशी नारायण पटेल ग्राम किल्लाैद में सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के साथ ग्रामीणों से रूबरू हुए। वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी उत्तम पाल सिंह ने दादाजी धूनी वाले के दरबार में पहुंचकर मत्था टेककर दर्शन-पूजन किया।
ऐसे हुई हार-जीत
भाजपा के गढ़ और विधायक तोमर के गांव रीछफल में 700, हंतिया, टेमाचा नवलगांव में 150-150, गुजरखेड़ी-नांदिया, डुडगांव में 200-200, सुलगांव और गोल सेक्टर में 2000 वोटों से कांग्रेस से भाजपा पार्टी हार गई। किल्लौद में भाजपा की हार का आंकड़ा 2013 के चुनाव में जहां 400 था वह बढ़कर 2500 वोट हो गया।
मंडी में हड़ताल क्या हुई, 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिकने वाले सोयाबीन के दाम 25 सौ रुपए क्विंटल पर आ गए। प्रतिस्पर्धा न होने व किसान के खेत से ही खरीदी करने के कारण व्यापारी औने-पौने दाम में सोयाबीन व मक्का की खरीदी किसानों से कर रहे हैं। किसान भी नई फसल की तैयारी व बाजार से लिया कर्ज चुकाने की मजबूरी में इन्हीं दामों पर उपज को बेच रहे हैं।
कृषि उपज मंडी में गत 25 सितंबर से नए मंडी एक्ट को लेकर मंडी के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। सब्जी मंडी, नई कृषि उपज मंडी में नीलामी व खरीदी, बिक्री बंद है। इधर, खेतों में सोयाबीन, मक्का की कटाई शुरू हो गई है। व्यापारी किसानों के खेत व खलिहान तक उपज खरीदी के लिए पहुंच रहे हैं। मंडी बंद होने का असर यह हो रहा है कि किसानों को सोयाबीन व मक्का के दाम समर्थन मूल्य से 30% तक कम मिल रहे हैं। इधर, मंडी के कर्मचारी भी मंडी खुलने के इंतजार में हैं, ताकि वे किसानों को नीलामी के माध्यम से उनकी उपज का उचित दाम दिला सकें।
मंडी में सोयाबीन की आवक प्रतिदिन 6 हजार क्विंटल, 4 हजार तक बिकता है
मंडी प्रभारी नारायण दशोरे ने बताया कृषि उपज मंडी में प्रतिदिन सोयाबीन की आवक 6 हजार क्विंटल है। मंडी खुली रहती है तो किसान को नीलामी में उपज का दाम 2800 से 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल मिलता है। मंडी में व्यापारियों के बीच प्रतिस्पर्धा रहने से किसान को दाम अच्छा मिलता है। अब तक मंडी में 30 हजार क्विंटल सोयाबीन की आवक हो गई है।
मक्का काे भी समर्थन नहीं
शासन ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 3860, जबकि मक्का का 1860 रु. प्रति क्विंटल रखा है। व्यापारी सोयाबीन के साथ मक्का भी कम दामों में खरीद रहा है। वह किसान को 700 रुपए क्विंटल तक के दाम दे रहा है, जबकि किसान इस भाव में बेचने को तैयार नहीं।
किसान की पीड़ा... उत्पादन भी घटा, एक एकड़ में 4 क्विंटल ही निकल रहा
किसान सुंदर पटेल पांगरा ने बताया वायरस के चलते सोयाबीन की फल्लियाें में इल्लियां लग गईं, दाने भी कम आए। जब फसल कटने को आई तब बारिश से फल्लियों के दानों में अंकुरण आ गया। ऐसे में औसत 6 क्विंटल प्रति एकड़ की जगह 4 क्विंटल उपज का ही उत्पादन हुआ। किसान जय पटेल ने बताया खलिहान व खेत से बेचने पर किसान को 1500 रु. प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है। व्यापारी 2200 से 2500 रु. क्विंटल में सोयाबीन मांग रहे हैं।
मंडी एक्ट के विरोध में मंडी में हड़ताल जारी... नए मंडी एक्ट को लेकर मंडी कर्मचारी पांच दिन से हड़ताल पर हैं। कुछ दिन पूर्व भी कर्मचारियांे ने हड़ताल की थी, लेकिन आश्वासन के बाद स्थगित कर दी गई थी। वक्त पर मांगें नहीं मानने पर कर्मचारी दोबारा हड़ताल पर चले गए। भोपाल में लगातार बैठकें हो रही हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा।
सुक्ता की पाइप लाइन नर्मदा जल योजना के संपवेल से जोड़ी जाएगी। इसके लिए निगम ने 1 करोड़ 15 लाख रुपए लागत से प्रस्ताव बनाया है। सिविल लाइंस क्षेत्र में पुलिस लाइंस चौराहे से नर्मदा जल योजना के संपवेल तक 400 एमएम की एचडीपीई लाइन बिछाई जाएगी। करीब 1200 मीटर लंबी यह पाइप लाइन बिछाई जाने के बाद नर्मदा योजना से कम पानी आने या सप्लाई बंद होने की स्थिति में सुक्ता का पानी संपवेल से आवश्यकता अनुसार शहर के किसी भी क्षेत्र तक पहुंचाया जा सकेगा। फिलहाल पीएचई का अभिमत लेने के लिए निगम ने प्रस्ताव भेजा है। वहां से अभिमत मिलने के बाद निगम इस पाइप लाइन के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी करेगा।
इस तरह हो रही वर्तमान में सप्लाई
नर्मदा जल योजना के साथ ही प्रतिदिन सुक्ता जल प्रदाय योजना से भी पानी लिया जा रहा है। इस योजना से जसवाड़ी रोड और शहर के मध्य क्षेत्र में ही पानी सप्लाई हो पाता है। नर्मदा योजना की पाइप लाइन फूटने या अन्य तकनीकी समस्या आने पर इस योजना का पानी शहर के अन्य क्षेत्रों में नहीं पहुंच पाता है।
पाइप लाइन बिछाने से मिल सकती है राहत... सुक्ता की पाइप लाइन नर्मदा योजना के संपवेल तक बिछाई जाने से आने वाले समय में इस संपवेल से शहर के किसी भी क्षेत्र में आवश्यकता होने पर सुक्ता का पानी पहुंचाया जा सकेगा।
वैकल्पिक स्थिति में पहुंचाया जा सकेगा पानी
^नर्मदा योजना के संपवेल से सुक्ता को जोड़ सकते हैं। इससे नर्मदा से सप्लाई बंद होने पर वैकल्पिक स्थिति में अन्य क्षेत्रों तक पानी पहुंचाया जा सकेगा। सुक्ता फिल्टर प्लांट का रिनोवेशन करेंगे। नए मोटर पंप लगाकर उसकी क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।
हिमांशु भट्ट, आयुक्त नगर निगम
कोरोना संक्रमित आइसोलेशन वार्ड में दो दिन से पानी नहीं है। मरीज परेशान हो रहे हैं। शौचालय जाने के बाद मरीजों को नेपकिन, कागज का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। वार्ड में शिकायत काउंटर भी नहीं है। मरीजों की दवाई व अन्य खाद्य सामग्री ऊपर तक पहुंचने में एक घंटा लग रहा है। आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मीसाबंदी मरीज बसंत गुप्ता ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर कलेक्टर के नाम पोस्ट शेयर की। जिसमें उन्होंने वार्ड की अव्यवस्थाओं के बारे में लिखा।
हालांकि कोरोना वार्ड का प्रबंधन देख रहे मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अनंत पंवार ने इस पूरे मामले से अनभिज्ञता से जताई। डॉ. पंवार बोले मैं जानकारी लेकर ही इस मामले में कुछ बोल पाऊंगा। अगर ऐसा कुछ भी होता तो स्टाफ द्वारा मुझे जानकारी दी जाती है। क्योंकि वहां पर स्टाफ व डॉक्टर भी रहते हैं।
बुजुर्ग मरीजों की परेशानी
आइसोलेशन वार्ड में भर्ती बुजुर्ग मरीजों से उनके परिजन नहीं मिल पा रहे है। इसलिए ज्यादातर बुजुर्गों को सदमा हो रहा है। इस कारण उनकी मौत तक हो रही है।
खाद्य सामग्री ही गायब
कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों के उनके परिजनों को फल व खाद्य सामग्री वार्ड तक पहुंचा रहे है, शर्मनाक बात यह है कि मरीज तक ये सामग्री नहीं पहुंच रही है।
हमारे पास नहीं डॉक्टर जो परिजनों को दे जानकारी
इधर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती संदिग्ध व पॉजिटिव कोराेना मरीजों के परिजन जानकारी न मिलने से परेशान है। परिजन अपने मरीज का हालचाल जानने अस्पताल का दिनभर चक्कर लगाते रहते है, लेकिन उन्हें कोई सटिक जानकारी नहीं मिलती। आईसीयू में भर्ती मरीजों के परिजन को डॉक्टर द्वारा जानकारी के नाम पर बस इतना कहा जाता कि आपका मरीज सीरियस है। इस मामले पर डीन डॉ. पंवार ने कहा कि हमारे पर मरीज के परिजनों को सूचना देने के लिए डॉक्टर नहीं है। जो डॉक्टर है वे मरीजों का इलाज करने में जुटे हुए है।
गंदगी भारत छोड़ो अभियान के दौरान लिए गए सिटीजन फीडबैक में शहर ने पूरे 100 अंक लेकर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया। वहीं 1 से 5 लाख जनसंख्या वाली 11 नगर निगमों की प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में 476 स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर रहा। मध्यप्रदेश में भारत छोड़ो अभियान 16 से 30 अगस्त चलाया गया। इस दाैरान व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक शौचालयों की विशेष साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन के संबंध में शहरवासियों को जागरूक करने पर किए गए कार्यों का नागरिकों से फीडबैक लिया गया। सूची मध्यप्रदेश नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी की गई।
शपथ दिलाकर कार्यक्रम की शुरूआत
आयुक्त हिमांशु भट्ट ने बताया इस अभियान के तहत खंडवा में स्वच्छता की शपथ दिलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। इसमें नो-प्लास्टिक, रीसाइकिल, रीयूज रिड्यूस और रिफ्यूज़्स 4 आर के संबंध में लोगों को जानकारी देना, कोविड-19 की परिस्थितियों में स्वच्छता के संदेश के साथ संक्रमित कचरे का भंडारण व निपटान, मास्क पहनना और उपयोग किए मास्क का सुरक्षित निपटान तथा क्वॉरेंटाइन केंद्रों में विशेष साफ-सफाई अभियान संचालित कराया गया। निगम द्वारा की गई गतिविधियों और नागरिकों की सकारात्मक प्रतिक्रियाओं के फलस्वरूप निगम ने 11 निकायों में दूसरा स्थान अर्जित किया। इसी तरह सिटीजन फीडबैक में खंडवा पूरे प्रदेश में पूरे 100 अंकों के साथ पहले स्थान पर रहा।
डेंगू और मलेरिया से रोकथाम के लिए निगम और जिला मलेरिया विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें दोनों विभागों के संयुक्त दल ने डोर-टू-डोर सर्वे कर शॉपिंग करने के लिए एक अभियान चलाने का निर्णय लिया। प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी शाहिन खान ने बताया कि जिला मलेरिया अधिकारी मनीषा जुनेजा की उपस्थिति में आयोजित बैठक में मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जाने का
निर्णय लिया।
अभियान के लिए वार्ड वार समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर विभिन्न क्षेत्रों में फागिंग भी कराई जाएगी। मलेरिया के लार्वा नष्ट करने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करने के साथ ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नालियों में जहां दूषित जल भराव है, वहां जला हुआ तेल डालकर लार्वा को नष्ट कराया जाएगा। बैठक में जोन प्रभारी मनीष पंजाबी, जाकिर अहमद, भुवन श्रीमाली, जाफर अहमद, सखाराम भट्ट, धीरज दवे, अजय पटेल सहित मलेरिया विभाग से कर्मचारी
मौजूद थे।
जिले में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 1500 से ऊपर पहुंच चुका है और मौतों की संख्या भी 35 से ज्यादा हो चुकी है। बावजूद इसके कई लोग अब भी कोरोना को हल्के में ले रहे हैं। जिले में मास्क नहीं पहनने वाले 000 लोगों के खिलाफ चालानी कार्रवाई कर जुर्माना वसूला जा चुका है। लोग लोग लापरवाही बरत रहे हैं। लोग न तो मास्क लगा रहे है और न ही सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं। बाजार से लेकर सरकारी अस्पताल व कार्यालयों में बिना मास्क वालों की भीड़ लग रही है। जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा बगैर मास्क बाहर निकलने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई बंद कर दी गई है, इस कारण भी ज्यादातर लोग लापरवाही बरत रहे हैं। हालांकि कुछ लोग अब भी मास्क पहनकर दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं। याद रहे जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती, तब तक मास्क ही वैक्सीन है।
ये लापरवाही पड़ेगी भारी... लोगों ने मास्क लगाए न ही सोशल डिस्टेंस का पालन किया
जिला अस्पताल... सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं
दोपहर एक बजे कक्ष क्रमांक 4 के बाहर मरीजों की भीड़ लगी हुई थी। ज्यादातर मरीज मास्क व रुमाल से मुंह ढंके हुए थे। सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो रहा था। मरीज एक-दूसरे से चिपककर खड़े हुए थे। कक्ष के अंदर दो डॉक्टर चेकअप कर रहे थे। कक्ष क्रमांक 17 के बाहर भी ऐसा ही नजारा था।
अस्पताल चौकी... मास्क नहीं लगाने पर 50 रु. जुर्माना
दोपहर 1.15 बजे बिना मास्क के अस्पताल में प्रवेश करने पर सुरक्षा गार्ड व कर्मचारियों ने ग्राम रांझनी के राहुल पंवार को पुलिस चौकी में बैठाया। राहुल का 50 रुपए का चालान बनाया। वार्ड बॉय ने राहुल को बताया कि ये देखों हम दिनभर इस तरह से मास्क लगाकर ही ड्यूटी करते हैं।
बाजार... इनसे सीखें कितना जरूरी है मास्क लगाना
मेहंदीबाई फौजदार स्कूल के नीचे बैग रिपेयर दुकान पर मंगलवार दोपहर 2.30 महिला मास्क लगाए हुए थी। जबकि उसे रुपए देने वाला दुकान मालिक, पड़ोसी दुकानदार और बाहर बैठे तीन युवक भी बगैर मास्क के थे। बाजार में लगभग हर जगह यह स्थिति बन रही है।